पीलीभीत: खालिस्तानी आतंकियों के छिपने का मकसद और मददगार की तलाश में पुलिस

पीलीभीत में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन दुर्दांत आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां गहन जांच में जुटी हुई हैं। पंजाब पुलिस के सहयोग से उत्तर प्रदेश पुलिस की टीमें यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि ये आतंकी आखिर पीलीभीत क्यों पहुंचे, यहां तक कैसे आए, और उनका मकसद क्या था।

पंजाब में ग्रेनेड हमला और पीलीभीत तक पहुंचने का सफर

18 दिसंबर को इन आतंकियों ने पंजाब के गुरदासपुर में एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला किया था। इस घटना के बाद पंजाब पुलिस इनकी तलाश में थी। कई सीमाओं को पार करते हुए ये आतंकी उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा से सटे पीलीभीत जिले में आ पहुंचे। जांच में पता चला कि उनके पास जो बाइक मिली, वह पीलीभीत के पूरनपुर इलाके से रविवार को चोरी की गई थी। इससे यह स्पष्ट है कि वे रविवार को ही पूरनपुर क्षेत्र में मौजूद थे।

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रहस्यमय गतिविधियां और अनसुलझे सवाल

सोमवार सुबह हुई मुठभेड़ से पहले आतंकी रातभर कहां ठहरे, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। उनके पास हथियार भी थे, इसके बावजूद वे जिले में आसानी से कैसे छिपते रहे, यह सवाल भी जांच का विषय बना हुआ है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने पीलीभीत को ही क्यों चुना। क्या यह सिर्फ पुलिस से बचने का प्रयास था, या फिर वे किसी बड़े मंसूबे को अंजाम देने की योजना बना रहे थे?

क्या स्थानीय मददगार थे शामिल?

पुलिस को शक है कि इन आतंकियों को स्थानीय मददगारों का सहारा मिला हो सकता है। इस बिंदु पर गुप्त रूप से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कहीं उनके साथ अन्य लोग तो नहीं थे।

मोबाइल फोन से सुराग जुटाने की कोशिश

एनकाउंटर के दौरान आतंकियों से बरामद मोबाइल फोन को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। इनसे संभावित नेटवर्क और संपर्कों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। पंजाब पुलिस के साथ समन्वय बनाकर कई बिंदुओं पर पड़ताल जारी है।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता

इस घटना ने पीलीभीत और आसपास के इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता बढ़ा दी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इन सवालों के जवाब मिलेंगे और आतंकियों के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।

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