धर्म की वास्तविक प्रेरणा और भगवान की दिव्य वाणी है श्रीमद्भगवद्गीता : सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता धर्म की सच्ची प्रेरणा और भगवान की दिव्य वाणी है। इसके 18 अध्यायों और 700 श्लोकों को हर सनातन धर्मावलंबी जीवन का मार्गदर्शक मंत्र मानकर आत्मसात करने का प्रयास करता है। यह ग्रंथ जीवन जीने की कला सिखाता है और धर्म को कर्तव्य से जोड़कर देखने का संदेश देता है।

सीएम योगी रविवार को जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित ‘दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव’ को संबोधित कर रहे थे।

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कर्तव्य ही धर्म, श्रेष्ठता का कभी दावा नहीं : योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में युद्ध का मैदान भी धर्म क्षेत्र कहा जाता है क्योंकि यहाँ कर्तव्य को सर्वोपरि माना जाता है। अच्छा करने पर पुण्य और बुरा करने पर पाप का भाव ही हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व मानवता को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का संदेश दिया। हमने कभी अपने धर्म या उपासना पद्धति को सर्वोत्तम बताने का अहंकार नहीं किया, बल्कि जो भी सहायता की जरूरत में रहा, सनातन धर्म उसके साथ खड़ा रहा।

जहाँ धर्म होगा, वहीं विजय होगी – योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने कहा— यतो धर्मस्ततो जयः, अर्थात जहाँ धर्म और कर्तव्य होगा, वहीं विजय सुनिश्चित है। अधर्म की राह पर चलकर जीत पाना संभव नहीं। यही सनातन धर्म की अनादि परंपरा रही है।

उन्होंने श्रीकृष्ण के निष्काम कर्म सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन में कर्म करते रहना ही सफलता का मार्ग है, फल की चिंता के बिना।

आरएसएस निष्काम सेवा की प्रेरणा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 100 वर्षों में सेवा को कभी सौदे का माध्यम नहीं बनाया। हर स्वयंसेवक बिना भेदभाव के पीड़ितों की सेवा को अपना कर्तव्य मानता है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सेवा के नाम पर सौदेबाजी कर देश की डेमोग्राफी बदलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ऐसे समय में श्रीमद्भगवद्गीता राष्ट्र के लिए नई प्रेरणा बन सकती है।

गीता सभी 140 करोड़ भारतीयों के लिए जीवन मंत्र

सीएम ने स्वामी ज्ञानानंद जी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ‘जिओ गीता’ के माध्यम से छात्रों, युवाओं, किसानों, सैनिकों और हर वर्ग के लिए गीता की प्रेरणाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत किया है।

उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता केवल जेलों में बंद कैदियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के 140 करोड़ लोगों के लिए जीवन में सफलता और सही दिशा प्रदान करने वाला दिव्य मार्गदर्शन है।

कार्यक्रम में अनेक संत-महात्माओं की उपस्थिति

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, स्वामी परमात्मानंद जी, श्रीधराचार्य जी महाराज, स्वामी धर्मेंद्र दास, स्वामी शशिकांत दास, रामलाल, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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