Lucknow News: पति पर नवविवाहिता को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप, पुलिस कार्रवाई से इंकार

लखनऊ। विवाहिता को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के मामले में पांच महीने बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। पीड़िता के पिता ने डीसीपी उत्तरी से शिकायत की थी, जिसके बाद मामला महिला थाने भेजा गया। लेकिन पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने आरोपी को बुलाने की कोशिश की, लेकिन उसके मना करने के बाद कोई और प्रयास नहीं किया गया। जब डीसीपी उत्तरी गोपाल कृष्ण चौधरी से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें मामला याद नहीं है और पीड़ित के दोबारा आने पर रिपोर्ट मंगवाकर कार्रवाई की जाएगी।

पति पर दहेज के लिए प्रताड़ना और जान से मारने की धमकी का आरोप

पीड़िता के पिता के अनुसार, उनकी बेटी की शादी मार्च 2024 में बाराबंकी के एक युवक से हुई थी। शादी के बाद से ही पति लगातार दो लाख रुपये नगद मांगते हुए शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। आरोप है कि ससुराल पक्ष ने उसके सारे गहने उतरवा लिए और फिर उसे इंदिरानगर के तकरोही गांव स्थित मकान पर छोड़ दिया। इसके बाद से पति ने उसे वापस लेने की कोई कोशिश नहीं की।

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जब विवाहिता ने ससुराल पक्ष से संपर्क कर घर ले जाने की बात की, तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में पीड़िता के पिता ने इंदिरानगर महिला थाना प्रभारी से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अक्टूबर 2024 में उन्होंने महिला आयोग और पुलिस कमिश्नर लखनऊ से भी शिकायत की, लेकिन पांच महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जबरन सुलह कराने का आरोप

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने की बजाय दोनों पक्षों को बैठाकर जबरन सुलह करवा दी, जबकि वे इसके पक्ष में नहीं थे। पीड़िता अपने ससुराल में रहना चाहती है, लेकिन पति लगातार दो लाख रुपये की मांग कर रहा है और उसे लेने नहीं आ रहा।

पिता का कहना है कि जब वह थाने में शिकायत करने जाते हैं, तो इंदिरानगर पुलिस उन्हें बाराबंकी जाने को कहती है। जबकि बाराबंकी पुलिस का कहना है कि मामला लखनऊ का है, इसलिए वे केस दर्ज नहीं करेंगे। इस कारण परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है।

क्या बोले जिम्मेदार

"मामला मुझे याद नहीं है। पीड़ित के दोबारा आने पर रिपोर्ट मंगवाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"

— गोपाल कृष्ण चौधरी, डीसीपी उत्तरी, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट

पीड़ित परिवार लगातार न्याय की गुहार लगा रहा है, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपी बेखौफ है और पीड़िता को धमकियां दे रहा है।

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