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UP के विकास के लिए CM योगी का मास्टर प्लान तैयार, रोजगार, व्यापार और आवास से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर तेजी से होगा काम
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के समग्र विकास के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसमें शहरी नियोजन, अधोसंरचना, रोजगार, व्यापार और आवास जैसे अहम पहलुओं को प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कई जरूरी निर्देश जारी किए।
जीआईएस आधारित मास्टर प्लान की रफ्तार बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नगरों में जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान को इस माह के अंत तक अनुमोदित कराना सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश के 59 नगरों के मास्टर प्लान बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 42 को अनुमोदन मिल चुका है। शेष चार (झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ और बहराइच) की स्वीकृति प्रक्रिया इसी महीने पूरी की जाएगी।
मेट्रो परियोजनाओं में आएगी तेजी
मुख्यमंत्री को बताया गया कि कानपुर मेट्रो के मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक का 6.7 किमी. अंडरग्राउंड सेक्शन बनकर तैयार है। दोनों कॉरिडोर इस साल के अंत तक पूरे हो जाएंगे।
आगरा मेट्रो के पहले कॉरिडोर को दिसंबर 2025 तक और दूसरे को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। लखनऊ मेट्रो के चारबाग से बसंतकुंज तक के सेक्शन पर तेजी से काम जारी है। लखनऊ को मिलेगा नया अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर मुख्यमंत्री ने ₹900 करोड़ की लागत से बनने वाले इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर को 2 साल में पूर्ण करने का निर्देश दिया। यह सेंटर लखनऊ की नई पहचान बनेगा।
यूपी-एससीआर परियोजना और नई टाउनशिप पर फोकस
लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी जिलों को जोड़ने वाली यूपी-एससीआर परियोजना की डीपीआर में तेजी लाने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री शहरी विस्तार/नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, मथुरा, मुरादाबाद, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ में परियोजनाएं जून 2025 से दिसंबर 2025 तक लॉन्च की जाएंगी।
नीतियों पर भी काम तेज
उत्तर प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम-2025
लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025
इन सभी नीतियों को लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जनसुझाव के आधार पर इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा।
निजी निवेश और हरित विकास को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष आवास योजनाएं चलाने और ग्रीन बिल्डिंग, सोलर रूफटॉप, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग जैसे टिकाऊ विकास उपायों को अनिवार्य शहरी मानकों में शामिल करने को कहा।
साथ ही, यूपी आवास एप और रेरा पोर्टल को और अधिक पारदर्शी व यूजर फ्रेंडली बनाने की जरूरत बताई।