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उत्तर प्रदेश के पांच जिले बाढ़ से प्रभावित, दो की मौत; 52 गांवों में हालात गंभीर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। वर्तमान में राज्य के पांच जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि पिछले 24 घंटों में प्रतापगढ़ और गोंडा में एक-एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है।
बलिया में गंगा नदी खतरे के निशान से 1.505 मीटर ऊपर बह रही है, जबकि धौलपुर में चंबल नदी 90 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं गाजीपुर और बदायूं में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। हालांकि अगले 24 घंटों में गंगा, चंबल, सोन और घाघरा के जलस्तर में कोई विशेष वृद्धि की आशंका नहीं है।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के अनुसार प्रदेश के 26 जिले ऐसे हैं जहां 120 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि 19 जिलों में 120 से 80 प्रतिशत, 12 जिलों में 80 से 60 प्रतिशत और 9 जिलों में अत्यधिक कम बारिश दर्ज की गई है।
उन्होंने जानकारी दी कि बलिया जिले की दो तहसीलें और कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जहां एनडीआरएफ की एक टीम तैनात है। बांदा में दो तहसीलों के दो गांव प्रभावित हैं, यहां पीएसी की एक टीम राहत कार्यों में लगी है।
मिर्जापुर जिले की दो तहसीलों के 6 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जहां पीएसी और एसडीआरएफ की टीमें कार्यरत हैं। प्रयागराज की चार तहसीलों के 27 गांवों में बाढ़ का असर है, जिनमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की एक-एक टीम और पीएसी की दो टीमें तैनात की गई हैं।
वाराणसी जिले के पांच गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, यहां एनडीआरएफ की एक टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी है। अन्य किसी जिले में फिलहाल बाढ़ की गंभीर स्थिति नहीं है।
प्रदेश में बाढ़ के कारण कुल 13 तहसीलें और 52 गांव प्रभावित हैं। जलस्तर बढ़ने के कारण कुल 2,995 लोग प्रभावित हुए हैं। राहत आयुक्त ने बताया कि राज्य में 1,013 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जहां क्लोरीन, ओआरएस, खाद्यान्न और लंच पैकेट का वितरण किया जा रहा है।
अब तक 1,750 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा बाढ़ पीड़ितों की चिकित्सा सहायता हेतु 504 मेडिकल टीमें गठित की गई हैं।