- Hindi News
- उत्तर प्रदेश
- बाराबंकी
- प्रेमी संग खुदकुशी करने वाली शिल्पा को परिवार ने ठुकराया, लावारिस मान कर हुआ अंतिम संस्कार
प्रेमी संग खुदकुशी करने वाली शिल्पा को परिवार ने ठुकराया, लावारिस मान कर हुआ अंतिम संस्कार

बाराबंकी। एक तरफ प्यार की कसम, तो दूसरी तरफ समाज की बंदिशें। शादी के मंडप से भागकर प्रेमी संग आत्महत्या करने वाली शिल्पा की मौत के बाद की कहानी भी दिल दहला देने वाली है। जिस घर में कभी लाड़-प्यार मिला, उसी परिवार ने उसकी मौत के बाद भी उसे अपना मानने से इनकार कर दिया। आख़िरकार, पुलिस और समाजसेवियों की मदद से उसका लावारिस की तरह अंतिम संस्कार करना पड़ा।
पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और फिर परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की। भानुप्रताप के परिवार ने उसका शव लेकर अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन शिल्पा के पिता ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ कहा, “जिस दिन वह भागी, उसी दिन हमारे लिए मर गई।”
पुलिस ने शव को 72 घंटे तक मर्च्युरी में रखा, लेकिन जब कोई रिश्तेदार भी नहीं आया, तो समाजसेवियों की मदद से कमरियाघाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया। गांव के लोग, पुलिस अधिकारी और रिश्तेदार तक समझाने पहुंचे, लेकिन शिल्पा के परिवार का दिल नहीं पसीजा। माता, पिता, भाई, बहन—किसी ने भी उसकी अंतिम विदाई में साथ नहीं दिया।
इस बीच, शिल्पा का एक सुसाइड नोट भी मिला। उसमें लिखा था—
“हम जीते जी नहीं मिल सके, अब मर तो सकते हैं।”
उसने लिखा कि उन्होंने अपनी मर्जी से जान दी है और किसी को दोष न दिया जाए। साथ ही परिवार के रवैये पर तंज कसते हुए लिखा—
“हमारे परिजन हमारी खुशी देख नहीं सके। प्यार करना हमारी सबसे बड़ी गलती थी।”
शिल्पा की इस अंतिम चिट्ठी ने उसकी टूटन, बेबसी और समाज से हार की कहानी बयां कर दी। प्यार की यह त्रासदी एक सवाल छोड़ गई है—क्या इज्जत की कीमत इंसान से ज्यादा हो गई है?