बलिया में शिक्षकों का वेतन संकट गहराया : भुगतान में देरी पर आंदोलन की चेतावनी

बलिया : प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत करीब 16 हजार शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी पिछले एक साल से समय पर वेतन न मिलने की समस्या से जूझ रहे हैं। न्यायालयी प्रक्रियाओं और बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण हर माह वेतन में देरी हो रही है। इससे शिक्षकों के परिवार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं—बच्चों की फीस, दवाइयाँ, ईएमआई और रोज़मर्रा के खर्च तक पूरा करना मुश्किल हो गया है। हालात से नाराज़ शिक्षक अब आंदोलन के मूड में हैं।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने बांसडीह विधायक केतकी सिंह को पत्र लिखकर पूरी स्थिति से अवगत कराया है। संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि वेतन समस्या का तुरंत समाधान नहीं किया गया तो शिक्षक शिक्षण कार्य रोककर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को त्वरित वेतन भुगतान और स्थायी समाधान के निर्देश दिए हैं।

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इसके साथ ही विधायक ने उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव (बेसिक शिक्षा विभाग) को भी पत्र भेजकर बलिया के शिक्षक-कर्मचारियों की वेतन समस्या का स्थायी हल निकालने की मांग की है।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि हर माह कोर्ट के आदेश से विभागीय खाते पर रोक लग जाती है, और अधिकारियों की उदासीनता के कारण वेतन एक या दो महीने तक अटक जाता है। पिछले एक साल से यह स्थिति लगातार बनी हुई है। शिक्षक कर्ज लेकर परिवार चला रहे हैं और मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है।

शिक्षकों का कहना है कि समय पर वेतन न मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है और इसका असर शिक्षण कार्य पर भी पड़ रहा है। अब सभी की उम्मीदें बेसिक शिक्षा विभाग और शासन के उस फैसले पर टिकी हैं, जिससे बलिया के हजारों शिक्षकों को इस लगातार जारी समस्या से स्थायी राहत मिल सके।

बैठक में अमरेन्द्र बहादुर सिंह, राजेश कुमार सिंह, अकीलुर्रहमान खान, कर्ण प्रताप सिंह, ओमप्रकाश सिंह, संजीव कुमार सिंह, विनोद तिवारी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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