Ballia News: घर में 'अस्पताल' चलाने वाली स्टाफ नर्स मंजू सिंह निलंबित, चार दिसंबर की घटना में जच्चा-बच्चा की मौत

बलिया: निजी आवास पर प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में जेल भेजी गई स्टाफ नर्स मंजू सिंह को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने निलंबित कर दिया है।

चार दिसंबर को बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के रुकूनपुरा निवासी लाल साहब की पत्नी सुधा देवी (34) को प्रसव पीड़ा होने पर आशा बहू मीना ने उन्हें पिंडहरा गांव में स्थित सीएचसी रेवती की स्टाफ नर्स मंजू सिंह के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया। 20,000 रुपये में प्रसव कराने की बात तय हुई, जिसमें परिवार ने 12,000 रुपये (4,000 नगद और 8,000 ऑनलाइन) पहले ही जमा कर दिए। शेष राशि प्रसव के बाद देने की बात थी।

यह भी पढ़े - Jaunpur News: प्रेमिका पर की टिप्पणी, दोस्त ने गोली मारकर की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

हालांकि, प्रसव के दौरान स्थिति बिगड़ गई, और पहले नवजात तथा फिर सुधा देवी की मौत हो गई। इस घटना के बाद मृतका के परिजनों ने नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

प्रारंभिक कार्रवाई और जांच

मृतका के देवर ईश्वरचंद साहनी की शिकायत पर पुलिस ने स्टाफ नर्स मंजू सिंह, उनके पति नंदकुली सिंह, आशा बहू मीना, और तीन अन्य के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। सीएमएस ने इस प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की। जांच में नर्स की लापरवाही की पुष्टि हुई और रिपोर्ट महानिदेशक को भेज दी गई। इसके आधार पर मंजू सिंह को निलंबित कर दिया गया है।

यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाती है, बल्कि निजी क्लीनिकों में हो रही लापरवाहियों पर भी गंभीर चर्चा की जरूरत को रेखांकित करती है।

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.