- Hindi News
- Top News
- मेस्सी–तेंदुलकर की ऐतिहासिक मौजूदगी से वानखेड़े में जुड़ा नया स्वर्णिम अध्याय
मेस्सी–तेंदुलकर की ऐतिहासिक मौजूदगी से वानखेड़े में जुड़ा नया स्वर्णिम अध्याय
मुंबई। विश्व फुटबॉल के महानायक लियोनेल मेस्सी और क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की एक साथ मौजूदगी ने रविवार को वानखेड़े स्टेडियम को एक बार फिर इतिहास का गवाह बना दिया। चार शहरों के ‘जीओएटी इंडिया टूर’ के तीसरे पड़ाव पर पहुंचे मेस्सी ने वानखेड़े में करीब एक घंटा बिताया और इस दौरान खेल व मनोरंजन जगत की कई दिग्गज हस्तियों से मुलाकात की।
पूरे आयोजन के दौरान वानखेड़े स्टेडियम ‘मेस्सी… मेस्सी’ के नारों से गूंजता रहा। यह वही मैदान है जिसने भारत की 2011 क्रिकेट विश्व कप जीत का ऐतिहासिक क्षण देखा था। शाम करीब 5:45 बजे सचिन तेंदुलकर के पहुंचने के कुछ ही देर बाद मेस्सी अपने इंटर मियामी के साथी लुइस सुआरेज और रोड्रिगो डि पॉल के साथ मैदान पर उतरे। शायद यह पहला मौका था जब वानखेड़े में ‘सचिन… सचिन’ से ज्यादा ‘मेस्सी… मेस्सी’ के नारे सुनाई दिए। हालांकि, जैसे ही तेंदुलकर को मेस्सी के साथ मंच पर आमंत्रित किया गया, दर्शकों ने एक बार फिर ‘सचिन… सचिन’ के नारों से माहौल को भावुक कर दिया।
तेंदुलकर ने अपने संबोधन में कहा, “मैंने इस मैदान पर कई अविस्मरणीय पल जिए हैं। यहां कई सपने साकार हुए हैं और आपके समर्थन के बिना 2011 का वह सुनहरा विश्व कप पल संभव नहीं था। आज इन महान खिलाड़ियों का यहां होना मुंबई और भारत के लिए गर्व का क्षण है।”
कार्यक्रम के दौरान कुछ पल ऐसे भी आए जब माहौल बार्सिलोना के कैंप नोउ जैसा लगने लगा। दर्शक ‘बार्का… बार्का’ और ‘सुआरेज… सुआरेज’ के नारे लगाते दिखे। मेस्सी ने पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री से भी बातचीत की और उन्हें अपनी अर्जेंटीना टीम की जर्सी भेंट की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी मेस्सी ने विशेष स्मृति-चिह्न और जर्सी भेंट की।
इसके अलावा मेस्सी ने मित्रा स्टार्स और इंडिया स्टार्स की टीमों के खिलाड़ियों से भी संवाद किया, जिन्होंने एक प्रदर्शनी मैच खेला था। भारत के लिए 94 गोल दागने वाले छेत्री के सम्मान में दर्शकों ने ‘छेत्री… छेत्री’ के नारे लगाए।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया और महाराष्ट्र में युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए ‘टैलेंट हंट’ अभियान की शुरुआत की। कुल मिलाकर, मेस्सी और तेंदुलकर की जुगलबंदी ने वानखेड़े के गौरवशाली इतिहास में एक और यादगार अध्याय जोड़ दिया।
