शिक्षक बन गए दुश्मन: खरगोन के स्कूल में महिला प्राचार्य और लाइब्रेरियन में जमकर झगड़ा, वीडियो वायरल

खरगोन (मध्यप्रदेश): जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, मेनगांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां महिला प्राचार्य और लाइब्रेरियन के बीच कहासुनी हाथापाई में बदल गई। दोनों शिक्षिकाएं स्कूल परिसर में एक-दूसरे को थप्पड़ मारती, बाल खींचती और गाली-गलौच करती नजर आईं। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो में नजर आई हिंसक झड़प

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्राचार्य प्रवीण दहिया और लाइब्रेरियन मधुरानी के बीच तीखी झड़प हो रही है। प्राचार्य ने लाइब्रेरियन का मोबाइल छीनकर फेंका और दीवार से धक्का भी दिया। दोनों शिक्षिकाओं ने एक-दूसरे को बालों से पकड़कर जमीन पर गिरा दिया और मारपीट की।

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कर्मचारी बने दर्शक, किसी ने नहीं रोका झगड़ा

घटना के दौरान कई अन्य शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे, लेकिन किसी ने बीच-बचाव नहीं किया। कुछ तो वीडियो रिकॉर्ड करने में ही व्यस्त नजर आए। अंत में एक महिला कर्मचारी ने हस्तक्षेप किया, लेकिन तब तक दोनों को काफी चोट लग चुकी थी।

पुलिस थाने तक पहुंचा मामला

दोनों महिला शिक्षिकाएं अलग-अलग समय पर थाने पहुंचीं और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराईं। उन्हें मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल भी ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भर्ती किया गया।

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

जैसे ही यह मामला कलेक्टर भव्या मित्तल के संज्ञान में आया, उन्होंने सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, प्रशांत आर्य को जांच सौंपी। दोनों शिक्षिकाओं को तत्काल स्कूल से हटाकर विभागीय कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।

शुरुआती जांच में ‘ईगो क्लैश’ और कार्यविभाजन का विवाद

सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने बताया कि प्रारंभिक जांच में विवाद की वजह व्यक्तिगत अहम और काम के बंटवारे को लेकर मतभेद सामने आए हैं। अब तक यौन उत्पीड़न जैसी कोई बात सामने नहीं आई है।

लाइब्रेरियन के गंभीर आरोप

लाइब्रेरियन मधुरानी ने आरोप लगाया कि प्राचार्य उन पर झूठे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का दबाव बना रही थीं। उन्होंने यह भी कहा कि प्राचार्य का बेटा स्कूल परिसर में अनुचित व्यवहार करता है। इस संबंध में उन्होंने कमिश्नर को शिकायत दी है।

पूर्व में भी विवादों में रहा है स्कूल

यह स्कूल पहले भी छात्रों की शिकायतों और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर सुर्खियों में रहा है। दिल्ली से संचालित इस आवासीय विद्यालय पर हर साल 5 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होता है, फिर भी छात्रों को लेकर कई बार प्रदर्शन हुए हैं।

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