किश्तवाड़: तीसरे दिन भी जारी रेस्क्यू अभियान, 60 की मौत, 100 से ज्यादा घायल

किश्तवाड़/जम्मू। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के सुदूर गांव चशोती में बादल फटने से मची भीषण तबाही के बाद लगातार तीसरे दिन शनिवार को बचाव और राहत अभियान जारी रहा। इस आपदा में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह शुक्रवार देर रात जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात के साथ आपदा प्रभावित इलाके पहुंचे और पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, स्थानीय प्रशासन व स्वयंसेवकों द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा की।

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अब तक 46 शवों की शिनाख्त कर परिजनों को सौंपा जा चुका है। वहीं, परिजनों ने 75 लोगों के लापता होने की सूचना दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक आई बाढ़ में कई लोग बह गए और दर्जनों मलबे, लकड़ियों व पत्थरों के नीचे दब गए। मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान और स्थानीय पुलिस के एक एसपीओ भी शामिल हैं।

यह हादसा बृहस्पतिवार दोपहर 12:25 बजे उस समय हुआ जब मचैल माता मंदिर यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू होकर 5 सितंबर तक चलनी थी।

बाढ़ और मलबे की चपेट में आकर कम से कम 16 मकान, कई सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पवन चक्कियां, 30 मीटर लंबा पुल और 12 से ज्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इसके चलते मचैल माता यात्रा लगातार तीसरे दिन स्थगित रही।

राहत कार्यों को तेज करने के लिए 12 जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं, जबकि एनडीआरएफ की टीम विशेष उपकरणों और श्वान दस्तों के साथ मलबा हटाने में जुटी है।

दौरे के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा “लंबी और कठिन चढ़ाई के बाद किश्तवाड़ आपदा स्थल तक पहुंचा... काफी देर रात हो चुकी थी। हालात बेहद दर्दनाक हैं, लेकिन बचाव दल पूरी ताकत से जुटा है।”

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