- Hindi News
- भारत
- अदाणी और गूगल की साझेदारी से विशाखापट्टनम में बनेगा भारत का सबसे बड़ा डेटा सेंटर कैंपस
अदाणी और गूगल की साझेदारी से विशाखापट्टनम में बनेगा भारत का सबसे बड़ा डेटा सेंटर कैंपस

विशाखापट्टनेम, भारत, 14 अक्टूबर, 2025: अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ की संयुक्त उपक्रम कंपनी, अदाणीकॉनेक्स और गूगल ने आज एक ऐतिहासिक साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी के तहत आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भारत का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर कैंपस और नया ग्रीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा।
अदाणी कॉनेक्स के साथ मिलकर विकसित किए गए गूगल एआई हब के आधार स्तंभों में विशाखापट्टनम में विशेष रूप से तैयार किया गया एआई डेटा सेंटर शामिल है, जो भारत की एआई क्षमता में एक नई क्राँति लाने के लिए महत्वपूर्ण कम्प्यूटिंग क्षमता जोड़ेगा।
यह प्रोजेक्टे दोनों कंपनियों की सतत विकास से संबंधित प्रतिबद्धता पर भी आधारित है। इसमें आंध्र प्रदेश में नई ट्रांसमिशन लाइन्स, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और इनोवेटिव ऊर्जा स्टोरेज सिस्टम में सह-निवेश शामिल होगा। इससे न सिर्फ डेटा सेंटर की संचालन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि भारत के बिजली ग्रिड की मजबूती और क्षमता भी बढ़ेगी।
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा , "अदाणी ग्रुप को गूगल के साथ इस ऐतिहासिक परियोजना में साझेदारी करके गर्व है, जो भारत के डिजिटल भविष्य को परिभाषित करेगी। यह साझेदारी देशनिर्माण के हमारे साझा दृष्टिकोण और हर भारतीय को 21वीं सदी के उपकरणों से सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। तकनीक के मामले में विशाखापट्टनम अब एक वैश्विक केंद्र बनने जा रहा हे और हमें गर्व है कि हम इस महान यात्रा के निर्माता के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं।"
गूगल क्लाउड के सीईओ, थॉमस कुरियन ने कहा , "भारत की एआई क्षमता को उजागर करने के उद्देश्य के तहत हम गूगल एआई हब में निवेश कर रहे हैं। यह निवेश व्यवसायों, शोधकर्ताओं और निर्माताओं को एआई के जरिए विकास करने और अपने काम का बड़े पैमाने पर विस्तार करने का आधार देगा। अदाणी के साथ मिलकर हम अपने अत्याधुनिक संसाधनों को समुदायों और ग्राहकों के करीब लाएँगे और उन्हें वैश्विक स्तर पर नवाचार और सफलता पाने के लिए प्रदर्शन, सुरक्षा और मापदंड प्रदान करेंगे।"
इस एआई हब और कनेक्टिविटी गेटवे के विकास से विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश और पूरे देश में आर्थिक विकास का एक मजबूत इंजन तैयार होगा। यह डिजिटल समावेशिता को बढ़ाएगा और प्रौद्योगिकी, निर्माण और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में हजारों नई नौकरियों के अवसर उत्पन्न करेगा।