Prayagraj News: महाकुंभ-2025 में 'स्वच्छ सुजल गांव' बना आकर्षण का केंद्र, अब तक 11 लाख से अधिक आगंतुकों ने किया दीदार

Prayagraj News: महाकुंभ-2025 के दौरान योगी सरकार के नेतृत्व में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने 'स्वच्छ सुजल गांव' का निर्माण कर देश-दुनिया के सामने एक नई तस्वीर पेश की है। 40,000 वर्ग फुट क्षेत्र में बसे इस गांव को अब तक 11 लाख से अधिक आगंतुक देख चुके हैं। यहां आने वाले हर व्यक्ति को उत्तर प्रदेश के समृद्ध गांवों की कहानी और जल संरक्षण के महत्व से परिचित कराया जा रहा है।

'अतिथि देवो भवः' परंपरा का पालन

आगंतुकों के स्वागत और सम्मान में विभाग 'अतिथि देवो भवः' की भारतीय परंपरा का निर्वहन कर रहा है। यहां आने वाले हर आगंतुक को 'जलप्रसाद' दिया जा रहा है, जिसमें संगम का जल, जल जीवन मिशन की डायरी और बदलाव की कहानी से जुड़ी सामग्री शामिल है।

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समृद्ध यूपी की झलक

गांव की थीम: 'पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान' पर आधारित इस गांव में आगंतुकों को पीएम और सीएम आवास, ग्राम पंचायत, सोलर ऊर्जा और जल जीवन मिशन से बदले बुंदेलखंड की कहानी दिखाई जा रही है।

बदलाव की कहानियां: यहां बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाएं अपनी जीवनशैली और जल संकट के समाधान से जुड़े अनुभव साझा कर रही हैं। प्रदर्शनी में उन महिलाओं की गाथा भी सुनी जा सकती है, जिनके गांवों में कभी पानी की कमी के कारण शादियां रुक जाती थीं।

बहुभाषीय जानकारी: गांव में हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तेलुगु और मराठी भाषाओं में जानकारी उपलब्ध है।

गंगा जल आरती और 'जल मंदिर'

गांव में बने 'जल मंदिर' में भगवान शिव की जटा से गंगा को प्रवाहित होते दिखाया गया है, जो जल संरक्षण का संदेश देता है। यहां सुबह-शाम गंगा जल आरती होती है, जिसमें जल जीवन मिशन और जल संरक्षण का महत्व बताया जाता है।

प्रमुख आकर्षण और उपलब्धियां

  • 19, 24, 26 जनवरी और 9 फरवरी को गांव में एक लाख से अधिक आगंतुक पहुंचे।
  • प्रमुख स्नान पर्वों पर यहां प्रवेश बंद रखा गया।
  • 26 फरवरी तक आगंतुक 'स्वच्छ सुजल गांव' का दीदार कर सकते हैं।

जल जीवन मिशन से बदला बुंदेलखंड

पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बुंदेलखंड में पेयजल समस्या का समाधान किया गया है। गांव-गांव तक हर घर जल पहुंचाने की उपलब्धि को आगंतुक यहां देख और समझ सकते हैं।

'स्वच्छ सुजल गांव' केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि बदलते उत्तर प्रदेश और जल संरक्षण के महत्व की अनूठी गाथा है। महाकुंभ में यह स्थान लोगों के लिए न केवल एक आकर्षण, बल्कि प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।

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