Prayagraj News: शारीरिक और मानसिक विकास के लिए 1600 बच्चों को पिलाई गई स्वर्णप्राशन दवा

प्रयागराज। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, और राष्ट्रीय आयुष मिशन उत्तर प्रदेश के सहयोग से महाकुंभ में संचालित 10 आयुर्वेद चिकित्सालयों और नागवासुकी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में रविवार, 11 फरवरी को विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में पुष्य नक्षत्र योग के अवसर पर जन्म से 16 वर्ष तक के 1600 बच्चों को इम्युनिटी वर्धक स्वर्णप्राशन दवा नि:शुल्क पिलाई गई। साथ ही बच्चों को आयु रक्षा किट भी वितरित की गई।

शिविर की शुरुआत और उद्देश्य

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार सिंह ने भगवान धन्वंतरि के चित्र पर माल्यार्पण कर इस मेगा कैंप की शुरुआत की। शिविर का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रोत्साहित करना और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना था।

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स्वर्णप्राशन के लाभ

डॉ. मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आयुर्वेद में स्वर्णप्राशन लेहन कर्म का हिस्सा है, जिसकी प्राचीनता हजारों वर्षों पुरानी है। यह दवा स्वर्ण भस्म और मेधा वर्धक औषधियों के मिश्रण से तैयार की जाती है। इसका सेवन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ उनके शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक होता है।

सहयोग और उपस्थिति

यह शिविर डॉ. आर.पी. सिंह मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. अवनीश पांडेय, डॉ. खुशनुमा परवीन, डॉ. अलका रावत, डॉ. विनीता, डॉ. कामता प्रसाद, डॉ. किरन कुमार, डॉ. सुनील कुमार वर्मा, डॉ. पवन कुमार मिश्रा, डॉ. राम अभिलाष मौर्य, डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. विजय प्रताप सिंह, डॉ. अशोक प्रियदर्शी, डॉ. पंकज मिश्रा, डॉ. चंद्रभान, डॉ. हेमंत सिंह, डॉ. राजेंद्र कुमार, डॉ. निवेदिता सिंह, सौरभ सिंह और सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य वेदांती प्रसाद पाठक, अयोध्या प्रसाद पांडेय और संजय पांडेय मौजूद रहे।

इस शिविर में भारी संख्या में बच्चों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया, जिससे आयुर्वेद के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि और विश्वास स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।

Edited By: Parakh Khabar

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