UP विधान मंडल में सीएम योगी का विपक्ष पर तीखा प्रहार: माफिया के सामने झुकती थीं पुरानी सरकारें, हमने स्थापित किया कानून का राज

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधान मंडल के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि समाज की पहली जरूरत सुरक्षा है और कानून का राज स्थापित करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रदेश का हर नागरिक—चाहे वह व्यापारी हो या बेटी—खुद को सुरक्षित महसूस करे, यही सुशासन की पहचान है, और उत्तर प्रदेश की जनता लगातार इस नीति का समर्थन कर रही है।

सीएम योगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के दौर में माफिया और अपराधियों के सामने सत्ता झुकती थी। उन्होंने पूजा पाल प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि तब न्याय दिलाने का साहस नहीं दिखाया गया, जबकि उनकी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्याय किसी दल या पक्ष को देखकर नहीं, बल्कि कानून के आधार पर होगा। उन्होंने दो टूक कहा कि बेटी चाहे किसी भी पक्ष की हो, उसे हर हाल में न्याय मिलेगा।

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मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने विजमा यादव को पूर्ण सुरक्षा का भरोसा दिया था। समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब करीब नौ साल पहले उनकी सरकार सत्ता में थी, तब क्या माफिया और अपराध पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए गए थे? विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने शेर पढ़ा—“तू इधर-उधर की न बात कर, ये बता कि कारवां कैसे लुटा।” उन्होंने कहा कि इसका जवाब जनता पहले ही दे चुकी है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माफिया के खिलाफ सरकार की नीति स्पष्ट और कठोर रही है, जिसे जमीन पर लागू कर दिखाया गया है। मजबूत इच्छाशक्ति और बेहतर कानून-व्यवस्था के बिना आर्थिक विकास संभव नहीं—इसी सोच के साथ सुरक्षा को विकास की आधारशिला बनाया गया।

विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश की सड़कें गड्ढों से भरी थीं और मेट्रो परियोजनाएं मजाक बनकर रह गई थीं। केंद्र के साथ समन्वय के अभाव में रेल और सड़क परिवहन को जोड़ने के प्रयास कमजोर रहे। उन्होंने बताया कि उस समय गठबंधन की मजबूरी में कांग्रेस पर निर्भरता थी।

सीएम योगी ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में केवल डेढ़ एक्सप्रेस-वे थे, जबकि अब इनकी संख्या बढ़कर 22 हो चुकी है। देश के कुल एक्सप्रेस-वे का लगभग 60 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में है। आज सबसे अधिक एयरपोर्ट, देश का बड़ा रेल नेटवर्क और मजबूत बुनियादी ढांचा उत्तर प्रदेश की नई पहचान बन चुका है—जो कानून-व्यवस्था और विकास के संतुलन का नतीजा है।

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