जेवर एयरपोर्ट से गंगा एक्सप्रेसवे तक सुपरफास्ट कनेक्टिविटी: ₹1,246 करोड़ की मेगा फंडिंग, यूपी में निवेश और रोजगार को मिलेगा नया पंख

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने अनुपूरक बजट 2025-26 में औद्योगिक विकास और वैश्विक कनेक्टिविटी को नई गति देने के लिए जेवर एयरपोर्ट से गंगा एक्सप्रेसवे तक प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण को 1,246 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस धनराशि से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा, ताकि परियोजना को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा सके।

यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सीधे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। सरकार का मानना है कि इस कॉरिडोर के बन जाने से माल परिवहन, निर्यात, औद्योगिक आपूर्ति शृंखला और यात्री आवागमन को निर्बाध गति मिलेगी। इससे प्रदेश की औद्योगिक प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी और राज्य वैश्विक निवेश मानचित्र पर और मजबूत होगा।

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अनुपूरक बजट में एक्सप्रेसवे नेटवर्क को मजबूती देने के लिए अन्य प्रमुख परियोजनाओं को भी समर्थन दिया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए बीजीएफ (बजटरी गेप फंडिंग) के अंतर्गत 1,835 करोड़ रुपये तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इन धनराशियों से निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने और कार्य की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे के 292 किलोमीटर हिस्से में बाईं ओर जन सुविधा परिसर और वाहन पार्किंग स्थलों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये की प्रतीक मांग भी रखी गई है।

प्रोत्साहन नीतियों के तहत बड़ी धनराशि प्रस्तावित

• त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति 2020: ₹75 करोड़

• एफडीआई व फॉर्च्यून-500 निवेश प्रोत्साहन नीति 2023: ₹371.69 करोड़

• औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022: ₹823.43 करोड़

• ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021: ₹23.03 करोड़

• अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति 2012: ₹100 करोड़

• औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017: ₹300 करोड़

लघु उद्योग और निर्यात को सहारा

लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन को मजबूत करने के लिए जिला उद्योग केंद्र के अधिष्ठान व्यय के लिए 1.5 करोड़ रुपये और उद्योग निदेशालय के लिए भी 1.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, हथकरघा क्षेत्र में पीएम मित्र पार्क के संचालन के लिए वृक्ष पातन एवं प्रतिपूरक वृक्षारोपण शुल्क के भुगतान को ₹85 करोड़ रखे गए हैं। सरकार का आकलन है कि इन प्रावधानों से एक्सप्रेसवे आधारित औद्योगिक कॉरिडोर विकसित होंगे, निवेश बढ़ेगा और प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

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