शीतकालीन सत्र में हंगामा: सपा का वॉकआउट, सरकार का जवाब, किसान पलायन नहीं, खेती की ओर लौट रहे

लखनऊ। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश विधान परिषद में जोरदार हंगामा देखने को मिला। सभापति कुंवर माववेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12:10 बजे नियम 105 के तहत किसानों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरते हुए नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया।

नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में सपा सदस्यों ने खाद की कमी, लागत मूल्य न मिलने, धान खरीद में बिचौलियों की मनमानी और किसानों के साथ भेदभाव के आरोप लगाए। सपा नेताओं—बलराम यादव, राजेंद्र चौधरी, किरण पाल कश्यप, डॉ. मान सिंह यादव, जासमीर अंसारी और आशुतोष सिन्हा—ने भाजपा सरकार पर किसान विरोधी नीतियों का आरोप लगाया।

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सरकार का जवाब

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार किसानों के हित में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की कृषि विकास दर 17 प्रतिशत से अधिक है। बुवाई क्षेत्र 2013-14 में 90.44 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 105 लाख हेक्टेयर हो गया है। बीज, खाद और सिंचाई की बेहतर उपलब्धता के चलते किसान खेती की ओर लौट रहे हैं, पलायन नहीं हो रहा। गन्ना किसानों को चीनी मिलों से एडवांस भुगतान मिल रहा है और उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है।

शिक्षा व अन्य मुद्दे

नियम 105 के तहत शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम पर सवाल उठे। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि डीआईओएस को कार्रवाई का अधिकार है और संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर पर अपील की व्यवस्था है, जिससे शीघ्र न्याय मिल सके।

पुरानी पेंशन और बिजली दरें

पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर सरकार ने पहले दिए गए जवाबों का हवाला दिया। वहीं, शिक्षण संस्थानों की व्यावसायिक बिजली दरों पर ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने माना कि दरें अधिक हैं और इस विषय पर विद्युत नियामक आयोग के समक्ष सरकार अपना पक्ष रखेगी।

कुल मिलाकर, किसानों, शिक्षा और बिजली दरों जैसे मुद्दों पर तीखी बहस के बीच सदन की कार्यवाही चली, जबकि सपा के वॉकआउट के बाद भी सरकार ने अपने पक्ष को सदन में विस्तार से रखा।

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