Lucknow News: 10 फरवरी को मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

लखनऊ। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर 10 फरवरी को 1 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोरों और युवाओं को पेट के कीड़ों से बचाव के लिए एलबेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग ने 10.36 करोड़ बच्चों को इस अभियान के तहत कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जो बच्चे 10 फरवरी को दवा लेने से वंचित रह जाएंगे, उन्हें 14 फरवरी को मॉप-अप राउंड में दवा दी जाएगी।

कार्यक्रम की तैयारियां

इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) पार्थ सारथी सेन शर्मा ने गुरुवार को विभिन्न सहयोगी विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के तहत सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इस बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक, तथा राज्य स्तरीय कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित रहे।

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कृमि संक्रमण से बचाव और प्रभाव

प्रमुख सचिव ने बताया कि सभी जिलों और ब्लॉकों में नोडल शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है, ताकि कार्यक्रम के दिशानिर्देशों का सही तरीके से पालन हो सके। उत्तर प्रदेश में 1 से 19 वर्ष की आयु के 76% बच्चों में कृमि संक्रमण की व्यापकता देखी गई है।

कृमि संक्रमण के दुष्प्रभाव:

  • यह व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी और संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आने से फैलता है।
  • संक्रमण से शारीरिक और बौद्धिक विकास बाधित होता है।
  • पोषण स्तर और हीमोग्लोबिन की कमी होती है।
  • स्कूल उपस्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस अभियान के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर कृमि संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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