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Lucknow News: रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण करने पहुंचे वनमंत्री, नए पगचिन्ह देखकर दिए खास निर्देश

मलिहाबाद। रहमानखेड़ा जंगल से सटे 50 से ज्यादा गांवों में बाघ की दहशत बनी हुई है। अब तक 15 मवेशियों का शिकार करने वाला यह बाघ खुलेआम घूम रहा है। वन विभाग की तमाम कोशिशें अब तक उसे पकड़ने में नाकाम रही हैं। गुरुवार को वनमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान नए पगचिन्ह देखकर उन्होंने बाघ को सुरक्षित तरीके से पकड़ने के निर्देश दिए और प्रभावित गांवों की स्थिति का जायजा लिया।
ग्रामीणों से अपील: बाघमित्र बनकर वन विभाग का सहयोग करें
वनमंत्री ने पोर्टेबल मचान और ओपन बैट प्रक्रिया की सराहना करते हुए बाघ को सुरक्षित पकड़ने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि सभी बाघमित्र बनकर वन विभाग की टीम का सहयोग करें।
बेहता नाले पर मिले बाघ के नए पगचिन्ह
सीआईएसएच परिसर में 15वां शिकार करने के बाद बाघ बुधवार को वहां से भाग निकला। इसके बाद बेहता नाले के पास, जो सीआईएसएच से 10 किलोमीटर दूर है, बाघ के नए पगचिन्ह मिले। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पगचिन्हों की जांच कर पुष्टि की।
टीम ने ड्रोन की मदद से बाघ की तलाश शुरू की, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया। डीएफओ ने बताया कि मीठेनगर गांव में बाघ को पकड़ने के लिए एक पिंजरे में बकरी को चारा बनाकर रखा गया है।
स्थिति पर कड़ी नजर
वन विभाग लगातार बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है और उसे सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। बाघ के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, लेकिन वन विभाग उन्हें सतर्क रहने और विभागीय टीमों का साथ देने की सलाह दे रहा है।