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कानपुर: जर्मन शेफर्ड ने 98 वर्षीय मालकिन को नोच डाला, परिवार सदमे में

Kanpur News: कानपुर के विकास नगर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 13 मार्च को एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने अपनी 98 वर्षीय मालकिन मोहिनी त्रिवेदी पर हमला कर उनकी जान ले ली। मोहिनी त्रिवेदी अपने बेटे, बहू किरन और पौत्र धीरू के साथ रहती थीं। वह इस कुत्ते का बच्चे की तरह ध्यान रखती थीं, लेकिन उस दिन एक मामूली घटना ने बड़ा हादसा कर दिया।
डंडे से मारने पर हुआ हिंसक हमला
पुलिस और नगर निगम को सूचना
मुहल्ले वालों ने जब कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनी, तो उन्हें लगा कि बाहर कोई अनजान व्यक्ति होगा। जब तक घटना का पता चला, तब तक देर हो चुकी थी। सूचना पर पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और कुत्ते को अपने कब्जे में ले लिया। रावतपुर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले में तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पांच दिन बाद पोते ने कुत्ते को ले लिया
घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में था। मंगलवार को मृतका का पोता नगर निगम पहुंचा और हलफनामा देकर कुत्ते को वापस ले गया। उसने हलफनामे में कहा कि दादी की मौत का उन्हें गहरा दुख है और कुत्ते की वजह से घर में कोई खाना तक नहीं खा रहा। उसने यह भी लिखा कि भविष्य में यदि कोई घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी वह खुद लेगा।
कुत्ते का पता बताने से इनकार
नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि कुत्ते का पंजीकरण विधिवत कराया गया था। पोते द्वारा हलफनामा देने के बाद कुत्ते को वापस कर दिया गया। हालांकि, कुत्ता इस समय कहां है, इस बारे में परिवार ने जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
पालतू कुत्तों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पालतू कुत्तों की सुरक्षा और उनके आचरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कुत्तों के व्यवहार में अचानक होने वाले बदलावों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।