Gonda News: डीएम नेहा शर्मा की सख्ती, फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, भूमाफियाओं पर एफआईआर के आदेश

गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर और भूमाफियाओं द्वारा संगठित जालसाजी के गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। यह मामला पैतृक भूमि के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीर अपराध करार देते हुए स्पष्ट किया कि प्रशासन ऐसी गतिविधियों के प्रति पूरी तरह सतर्क है और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

समाधान दिवस पर सामने आई थी शिकायत

मोतीगंज थानाक्षेत्र के ग्राम डड़वा दसवतिया निवासी पवन कुमार सिंह ने 4 जनवरी 2025 को समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा को शिकायती पत्र सौंपा। पवन सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पैतृक भूमि (गाटा संख्या- 196 मि., 1.914 हेक्टेयर) को भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़पने की कोशिश की

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शिकायत में बताया गया कि उप निबंधक कार्यालय गोंडा के अधिकारियों की मिलीभगत से 1979 में तैयार जिल्द संख्या- 904 के विलेख संख्या- 163 के असली पन्नों को हटाकर कूटरचित पन्ने जोड़े गए। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गोरखनाथ सिंह के नाम से एक नकली विलेख तैयार किया गया, जिसे 2019 में अजय सिंह और अशोक कुमार सिंह ने अपनी भूमि के नाम बैनामा करवा लिया।

जांच में खुली फर्जीवाड़े की परतें

जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी से जांच कराई। जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि विलेख संख्या- 163 में कूटरचना की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, फर्जी दस्तावेज मानक प्रक्रिया से भिन्न थे और जानबूझकर तैयार किए गए थे। अन्य विलेखों की तुलना में इन दस्तावेजों में स्पष्ट अंतर पाया गया। यह भी सामने आया कि सरकारी प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए भूमि का अवैध हस्तांतरण किया गया।

डीएम ने दिए सख्त निर्देश

जांच के बाद जिलाधिकारी ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने कहा, “सरकारी अभिलेखों में हेरफेर और जालसाजी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।” इसके साथ ही, डीएम ने राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया जाए।

भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन का सख्त रुख

जिलाधिकारी नेहा शर्मा की इस कार्रवाई ने प्रशासनिक पारदर्शिता और सख्ती का एक मजबूत संदेश दिया है। उनकी चेतावनी ने यह साफ कर दिया है कि भूमाफियाओं और फर्जी दस्तावेज बनाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस कार्रवाई ने न केवल पीड़ित को राहत दी है, बल्कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ प्रशासन की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।

Edited By: Parakh Khabar

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