सरकार ने 6 सूत्री मांगो पर विचार नहीं किया तो संगठन जताएगा विरोध 

देवरिया। उत्तर प्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया एवं जिला पंचायत सदस्यो, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं सभासदों की मांगों को पूरा नहीं किया जाना उत्तर प्रदेश में भाजपा का भारी नुकसान का कारण बना है lउक्त बातें जिला पंचायत सदस्य वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश पांडेय ने एक विशेष मुलाक़ात में कहा कि विगत दो वर्षों से जिला पंचायत सदस्य संघ, सभासद संघ एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य संघ उत्तर प्रदेश की सरकार से अपने 6 सूत्री मांगों को लेकर लगातार सरकार एवं शासन से पत्राचार, धरना प्रदर्शन आदि के माध्यम से मांग करती रही है लेकिन सरकार सदस्यों की मांगों पर कोई विचार नहीं किया।
 
जिससे आहत होकर जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के सदस्य एवं सभासद गणों ने भाजपा सरकार बनाने में बहुत रुचि नहीं दिखाई , जबकि इसके पूर्व के चुनाव में पंचायत प्रतिनिधियों का जोरदार समर्थन भाजपा के तरफ होता था जिससे लगातार दो बार देश में और दो बार से उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार पूर्ण बहुमत की बनी, लेकिन भाजपा की सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के लिए कोई सम्मानजनक योजना लागू नहीं किया कि  पंचायत प्रतिनिधि समाज को यह बता सकें कि हमने जनता के हित में सरकार के सहयोग से यह कार्य हो रहा है।
 
पांडेय ने कहा कि अति शीघ्र पंचायत प्रतिनिधियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री, मंत्री पंचायती राज एवं प्रमुख सचिव पंचायती राज से मिलकर पंचायत प्रतिनिधियों के 6 सूत्री मांगों जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों के लिए विकास हेतु निधि निर्धारित करना , मानदेय, पेंशन , टोल टैक्स पर फ्री आवागमन , प्रतिनिधियों को शस्त्र लाइसेंस आदि शामिल है को अति शीघ्र लागू करने पर चर्चा करेगा।उन्होंने आगे कहा कि अगर उत्तर प्रदेश की सरकार पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती है तो 2027 में उत्तर प्रदेश के संपूर्ण पंचायत प्रतिनिधि भाजपा सरकार के खिलाफ मजबूती से प्रचार प्रसार करेंगे।

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