बागी बलिया का स्थापना दिवस आज, यहां जानें क्रांतिकारी व साहित्यकारों को जन्म देने वाले जिले के बारे में

बलिया: यूपी का सबसे पूर्वी जिला बलिया के बारे में तो आप जानते ही होंगे? हां वहीं बागी बलिया जिसे सत्य व्यास ने अपने हाल ही तथ्यपरक उपन्यास में बलियाटिक सियासत, छात्र राजनीति और शहर से परिचय करवाया है. आज उस जिले का स्थापना दिवस है. आज बलिया 144 वर्ष पूरा कर लिया है. जिले की स्थापना 1 नवम्बर 1879 ईस्वी को हुआ था. इस जिले की नामकरण की अनेक कहानियां हैं. आदिकाल में चाँदी सी चमकती सफ़ेद रेत (बालू) के कारण जिसे आदिम लोगों ने 'बलुआ' के नाम से सम्बोधित किया, जिसका अपभ्रंश बलिया हुआ. वेदोदयकाल में दानवीर असुरेन्द्र राजा बलि की यज्ञ स्थली के नाते "बलियाग" के नाम से जाना गया, जिसका अपभ्रंश बलिया हुआ. त्रेतायुग में जिसे बाल्मीकी आश्रम के कारण "बलिमिकिया " नाम मिला, जिसका अपभ्रंश बलिया हुआ. वहीं बालेय-बुलि राजाओं की राजधानी के नाते जिसे बलिया नाम मिला.

महाभारत काल से भी है नाता

वहीं कुछ लोग को मानना है कि बलिया को भगवान शिव ने अपनी तपस्या के लिए चुना था. बौद्धकाल के पूर्व जिस बलिया को कोशल नरेश प्रसेनजित ने मगध सम्राट बिम्बिसार को अपनी बहन महाकोशला के दहेज में दिया. फिर वापस ले लिया पुनः नये मगध सम्राट ने आक्रमण किए और कोशल नरेश प्रसेनजित ने अपनी पुत्री प्रसेनजित के साथ मगध नरेश अजातशत्रु को दहेज में दिया. कुछ लोगों का मानना है कि बलिया की नैसर्गिक शोभा देखने हस्तिनापुर के राजा शान्तनु आये और निषाद पुत्री सत्यवती से ब्याह किया, जिससे महाभारत काल का कौरव व पाण्डव वंश चला. वहीं बलिया गजेटियर के हवाले से सन 1302 ई0 में बख्तियार खिलजी ने अंगदेश और बंगदेश से भू-भाग काटकर पहली बार राजस्व वसूली की इकाई महाल बनाया था. 01 नवम्बर 1879 को ब्रिटिश साम्राज्य सरकार ने इसे जनपद बनाया जो आज कायम है.

यह भी पढ़े - Ballia News: ABVP के विरोध के बाद प्रशासन का एक्शन, कोतवाल लाइन हाजिर – DM ने कहा, "सारे गिले-शिकवे दूर करें"

इस धरती पर इन ऋषियों ने किया तप

बता दें कि बागी बलिया भगवान शिव की साधना-भूमि महर्षि भृगु, दर्दरमुनि बाल्मीकी, दुर्वासा आदि ऋषियों की साधना भूमि के साथ ही वेदव्यास, परशुराम परासर, चेनराम महराजबाबा सुदिष्ट बाबा जंगली बाबा, श्रीनाथ बाबा सन्त सदाफल देव सन्त गयादास परमहंस, हरेराम ब्रह्मचारी चिरइयां बाबा रामसिंहासन ब्रह्मचारी. योगी गंगाधर शास्त्री, श्री पशुपतिनाथ बाबा आदि अनगिनत सिद्ध सन्तों की जन्मभूमि है. साथ ही आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, पं. परशुराम चतुर्वेदी, डा. भगवत शरण उपाध्याय हरिप्रसाद वर्मा, श्रीहरि जगदीश ओझा 'सुन्दर', अमरकान्त डॉ. केदारनाथ सिंह जैसे सेकड़ों साहित्यकारों की जन्मभूमि है.

बागी बलिया अमर शहीद मंगल पांडेय, गोविन्द मल्लाह, कौशल कुमार सिंह, देववसन कोइरी, भीम अहीर, रामजन्म गोंड राजकुमार बाघ, दुःखी कोइरी, शिवप्रसाद कोइरी, ढेला दुसाध, राम सुभग चमार, सूरज मिश्र, गनपति पाण्डे, रघुनाथ अहीर, श्रीकृष्ण मिश्र सरीखे सैकड़ों बलिदानियों की धरती है.

राजनेताओं की भी है जन्मभूमि

यह लोकनायक जयप्रकाश नारायण, बाबू मुरली मनोहर लाल, गौरीशंकर राय, जगन्नाथ चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चन्द्रशेखर, जनेश्वर मिश्र, हरिवंश नारायण जैसे राजनेताओं की जन्मभूमि भी है.

खबरें और भी हैं

Latest News

Ballia News: सावन में बलियावासियों को रेल मंत्रालय से बड़ी सौगात – अब सीधे होंगे अयोध्या, महाकाल और वैष्णो देवी के दर्शन Ballia News: सावन में बलियावासियों को रेल मंत्रालय से बड़ी सौगात – अब सीधे होंगे अयोध्या, महाकाल और वैष्णो देवी के दर्शन
बलिया। पवित्र सावन माह में बलिया जनपदवासियों को रेल यात्रा के क्षेत्र में एक साथ दो बड़ी सौगातें मिली हैं।...
Lakhimpur Kheri News: अज्ञात वाहन ने कांवड़ियों से भरी ट्रॉली को मारी टक्कर, 24 से अधिक घायल, 11 की हालत गंभीर
Barabanki News: हाईवे किनारे महिला सिपाही का झुलसा शव मिलने से सनसनी, अवैध संबंधों में हत्या की आशंका, आईजी बोले- जल्द होगा खुलासा
Ballia News : बलिया में पुलिस विभाग में फेरबदल, राकेश कुमार सिंह बने शहर कोतवाल, मूल चंद चौरसिया को बैरिया और अनिल सिंह को सहतवार की कमान
Ballia News: ABVP के विरोध के बाद प्रशासन का एक्शन, कोतवाल लाइन हाजिर – DM ने कहा, "सारे गिले-शिकवे दूर करें"
Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.