बलिया में टोंस नदी का कहर: बाढ़ का पानी आबादी में घुसा, कई गांवों का संपर्क टूटा, छतों पर रहने को मजबूर लोग

Ballia News: टोंस नदी के बढ़ते जलस्तर ने बलिया जिले के नगर पंचायत चितबड़ागांव सहित दर्जनों गांवों में तबाही मचा दी है। बाढ़ का पानी अब मैदानी इलाकों में प्रवेश कर चुका है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। कई परिवार घरों में पानी भरने के कारण छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।

आबादी वाले इलाके जलमग्न, सड़क संपर्क टूटा

नदी के लगातार बढ़ते पानी ने नगवा गाई, अख्तियारपुर, बीबीपुर, बढ़वलिया, टीकरी और मजूरपुर जैसे गांवों को नगर पंचायत चितबड़ागांव से जोड़ने वाली मुख्य सड़क को डुबो दिया है। आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मधो ब्रह्म बाबा का स्थान भी चारों तरफ से पानी से घिर गया है, जिससे पूजा-पाठ पूरी तरह बंद हो चुकी है।

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चितेश्वर नगर वार्ड की हालत सबसे खराब

नदी किनारे बसा चितेश्वर नगर वार्ड सबसे अधिक प्रभावित है। यहां के निचले इलाकों में पानी घरों तक पहुंच चुका है। लगभग एक दर्जन घरों में पानी भर गया है। स्थानीय लोगों को अब डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित बीमारियों का डर सताने लगा है।

प्रशासन के दावे, जनता में आक्रोश

नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुरेश कुमार मौर्य ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष सफाई टीम तैनात की गई है और नियमित सफाई कराई जा रही है। साथ ही प्रशासन संभावित बीमारियों को लेकर सतर्क है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ये दावे केवल कागजों तक सीमित हैं।

भीसापर (मानपुर) में और भी भयावह हालात

मानपुर ग्राम पंचायत के भीसापर गांव की स्थिति और ज्यादा खराब है। यहां बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है और लोग छतों पर अस्थायी निवास बनाकर रह रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि न तो सफाईकर्मी पहुंच रहे हैं और न ही कोई स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है।

ग्राम पंचायत अधिकारी का जवाब

ग्राम पंचायत अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि एक माह पहले नाव की व्यवस्था की गई थी ताकि आपातकालीन स्थिति में लोगों का आना-जाना जारी रह सके। सफाई कर्मचारियों को भी नियमित कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, लोग इन दावों को धरातल से दूर मान रहे हैं।

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