बलिया में बाढ़ का कहर : गंगा ने चौथी बार मचाया हाहाकार, घाघरा भी खतरे से ऊपर

बलिया। गंगा और घाघरा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। रविवार शाम गायघाट गेज पर गंगा का जलस्तर 58.79 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। वहीं घाघरा नदी चांदपुर गेज पर खतरे के निशान से 78 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। डीएसपी हेड पर जलस्तर 64.48 मीटर पहुंच गया, जबकि खतरा बिंदु 64.01 मीटर है।

गांवों में पानी घुसा, नावों से हो रहा आवागमन

घाघरा नदी के उफान से बांसडीह तहसील के चितबिसांव खुर्द, रामपुर नंबरी, कोलकला बिंद बस्ती, चांदपुर और नवकागांव में पानी प्रवेश कर चुका है। बैरिया तहसील के गोपालनगर और शिवाल मठिया गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं। लोग अब नावों के सहारे आना-जाना कर रहे हैं। गंगा का चौथी बार बढ़ाव होने से निचले इलाकों में दहशत का माहौल है।

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गंगा ने समेटी दो बीघा जमीन

मझौवां क्षेत्र में गंगा नदी ने रविवार की शाम भारी तबाही मचाई। गोपालपुर ग्राम पंचायत के उदई छपरा गांव में नदी की धारा ने कटान शुरू कर दिया। बाढ़ विभाग द्वारा लगाए गए बोल्डर खत्म होते ही कटान तेज हो गया और देखते ही देखते करीब दो बीघा जमीन नदी में समा गई।

नदी का जलस्तर हर घंटे लगभग दो सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। कटान अब प्रसाद छपरा के खेतों तक पहुंच गया है। ग्रामीणों को आशंका है कि यदि यही स्थिति रही तो कटान उदई छपरा से टेंगरही तक बांध को प्रभावित कर सकता है।

ग्रामीणों की चिंता, विभाग ने शुरू की रोकथाम

दया छपरा पंचायत के बुधन चक, बड़का बुधन चक, आलम राज टोला और प्रसाद छपरा के लोगों में भारी चिंता है, क्योंकि उनकी बस्तियों और खेतों को अब केवल सिंचाई विभाग का बांध ही बचा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ विभाग के जूनियर इंजीनियर अमरनाथ वर्मा मौके पर पहुंचे और बांस के क्रेट व झाड़-झंखाड़ डालकर कटान रोकने का प्रयास शुरू कर दिया।

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