बलिया: श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ से भक्तिमय हुआ वातावरण, मंत्रोच्चार और भागवत कथा में लीन श्रद्धालु

बलिया (रामगढ़ हुकुम छपरा गंगापुर): पतितपावनी गंगा के पावन तट पर महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम् के तत्वावधान में आयोजित श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ ने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है। यज्ञ मंडप में गूंजते वैदिक मंत्रों और श्रद्धालुओं की भक्ति भावनाओं ने माहौल को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया है।

यज्ञ के चौथे दिन की झलक

चतुर्थ दिवस पर प्रातःकाल पूजन और संध्याकालीन काशी पद्धति की गंगा महाआरती में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यज्ञ मंडप की परिक्रमा करते हुए लोगों ने यज्ञ में आहुति दी और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया।

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यज्ञ के लाभ और उद्देश्य

यज्ञाधीश आचार्य पं. मोहित पाठक ने कहा, “यज्ञ सनातन संस्कृति में एकता, शुद्धता और शांति का प्रतीक है। इससे मानसिक शांति, वातावरण की शुद्धि और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है। यज्ञ में उच्चारित मंत्र साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा को सशक्त करते हैं, वहीं यज्ञ धूम से वातावरण के जीवाणु समाप्त होते हैं।”

काशी जैसी गंगा आरती अब बलिया में

हर दिन संध्या समय मां गंगा की आरती काशी की तर्ज पर की जा रही है, जिसे देखने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आचार्य जी ने बताया कि गुरुकुल के वैदिक बटुकों द्वारा नित्य शिवार्चन रुद्राभिषेक और गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। गुरुकुल में कोई भी व्यक्ति शास्त्र शिक्षा प्राप्त कर सकता है, जिससे सनातन संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।

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भागवत कथा में भक्ति की बाढ़

कथा व्यास आचार्य उत्कर्ष पाण्डेय जी महाराज ने भागवत कथा में भक्त ध्रुव के वंश की कथा के साथ-साथ अजामिल, भक्त प्रहलाद, सूर्यवंश और चंद्रवंश की गाथाएं सुनाईं। दशम स्कंध के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।

भक्तों का उत्साह चरम पर

श्रद्धालु प्रतिदिन बड़ी संख्या में यज्ञ और कथा में भाग ले रहे हैं। मंत्रोच्चार और गंगा तट पर हो रही आरती ने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक दिव्यता से भर दिया है।

Edited By: Parakh Khabar

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