मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, 1 की मौत, 67 घायल, कई गाड़ियों में आग

नई दिल्ली: मणिपुर में शनिवार (8 मार्च) को एक बार फिर भारी हिंसा भड़क उठी, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हो गई और 67 लोग घायल हो गए। घायलों में 27 सुरक्षाकर्मी और 40 अन्य नागरिक शामिल हैं, जिनमें से 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह हिंसा कांगपोकपी जिले के विभिन्न हिस्सों में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों के बाद भड़की।

हिंसा की वजह क्या थी?

शनिवार से केंद्र सरकार का 'फ्री मूवमेंट' वाला फैसला लागू होना था, जिसके तहत लोगों को बिना किसी बाधा के एक जिले से दूसरे जिले में आने-जाने की अनुमति दी गई थी। कुकी समुदाय इस फैसले का विरोध कर रहा था, और जब इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर बसें चलनी शुरू हुईं, तब प्रदर्शनकारियों ने विरोध करते हुए हिंसा भड़का दी।

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प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में लगाई आग

प्रदर्शन के दौरान उग्र भीड़ ने कई निजी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। हालात बेकाबू होते देख सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए एक्शन लिया।

हथियार और गोला-बारूद बरामद

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने 114 हथियार, IED ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है। इसके अलावा, अलग-अलग अभियानों में प्रतिबंधित संगठनों के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

हिंसा के बाद कर्फ्यू लागू

हिंसा को देखते हुए कांगपोकपी और राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (NH-2) के आसपास कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।

मणिपुर पुलिस के अनुसार, गामगीफाई में प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पथराव किया। जवाब में, सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, और बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी विरोध में शामिल हुए।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी भी की, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की। फिलहाल, हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, और स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है।

Edited By: Parakh Khabar

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