76वें गणतंत्र दिवस पर बोले खरगे: असहमति को दबाना सरकार की नीति, ‘एक राष्ट्र, एक पार्टी’ थोपने की कोशिश

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 76वें गणतंत्र दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान पर हमले और संस्थाओं को कमजोर करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि असहमति का गला घोटना सरकार की एकमात्र नीति बन गई है, और ‘एक राष्ट्र, एक पार्टी’ की विचारधारा थोपने का प्रयास हो रहा है।

खरगे ने अपने संदेश में स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए सशस्त्र बलों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों, किसानों, मजदूरों और अन्य राष्ट्रनिर्माताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस केवल उत्सव नहीं, बल्कि संविधान पर हो रहे हमलों और चुनौतियों पर विचार करने का भी समय है।

यह भी पढ़े - Operation Sindoor Live: पाकिस्तान की बौखलाहट, एलओसी पर रातभर भारी गोलाबारी, तीन नागरिकों की मौत, 10 घायल, भारत ने दिया करारा जवाब

संविधान और संस्थाओं पर हमले का आरोप

खरगे ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने दशकों से बनाई गई संस्थाओं को कमजोर किया है। उन्होंने कहा,

"स्वायत्त संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप आम हो गया है। संघवाद को कुचला जा रहा है और विपक्षी राज्यों के अधिकारों में कटौती की जा रही है। संसद की कार्यप्रणाली पर इसका दमनकारी प्रभाव पड़ा है।"

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और अन्य स्वायत्त संस्थानों में राजनीतिक घुसपैठ हो रही है और मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्तारूढ़ दल का प्रचार उपकरण बन चुका है।

समाज और अल्पसंख्यकों को बांटने का आरोप

खरगे ने कहा कि धार्मिक कट्टरवाद और घृणा ने समाज को बांटने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और कमजोर वर्गों पर अत्याचार बढ़े हैं। उन्होंने मणिपुर की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 21 महीनों से वहां हालात खराब हैं, लेकिन कोई जवाबदेही नहीं है।

आर्थिक असमानता और रोजगार का मुद्दा

खरगे ने आर्थिक असमानता पर सवाल उठाते हुए कहा, "देश के संसाधन कुछ अरबपति मित्रों को सौंपे जा रहे हैं। गरीब और मध्यम वर्ग की मेहनत की कमाई कर के जरिए हड़पी जा रही है। गलत नीतियों ने लोगों की बचत खत्म कर दी है।"

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल केवल छद्म राष्ट्रवाद और धार्मिक सर्वोच्चता का झंडा उठाने को कहता है, लेकिन युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं देता।

संविधान की रक्षा का आह्वान

खरगे ने देशवासियों से संविधान के आदर्शों - न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को संरक्षित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए हर बलिदान देने को तैयार रहना चाहिए।

"संविधान को बचाना ही हमारे पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।"

खरगे ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे संविधान के मूल्यों को बनाए रखने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट हों।

खबरें और भी हैं

Latest News

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.