Google भारत में एआई करेगी पहल का विस्तार , भाषा बाधाओं और कृषि दक्षता पर जोर

कोलकाता। प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल उन्नत एआई उपकरणों की शुरुआत के साथ भारत पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। गूगल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी का उद्देश्य भाषा संबंधी बाधाओं को तोड़ना और उन्नत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है। गूगल डीपमाइंड के उत्पाद प्रबंधन निदेशक अभिषेक बापना ने भारत के आर्थिक विकास में भाषा संबंधी बाधाओं को कम करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

भारतीय प्रबंध संस्थान-कोलकाता (आईआईएम-के) के अपने संक्षिप्त दौरे पर बापना ने कहा, “आर्थिक वृद्धि के लिए भाषा बहुत ज़रूरी है। उदाहरण के लिए, भाषा की बाधा किसी व्यक्ति को डॉक्टर को अपनी चिकित्सा समस्याएं बताने या बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचने में बाधा नहीं बननी चाहिए।” दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी ने गूगल जेमिनी (पूर्व में बार्ड) पेश किया है। यह एक कृत्रिम मेधा (एआई) चैटबॉट है जो नौ भारतीय भाषाओं सहित 40 से अधिक वैश्विक भाषाएं समझता है।

बापना ने कहा कि गूगल का ध्यान भाषा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार लाने और भविष्य में अधिक भारतीय भाषाओं को जोड़ने पर है। वर्तमान में, चैटबॉट नौ भारतीय भाषाओं - हिंदी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में काम करने में सक्षम है। बापना ने भारत के बहुभाषी वातावरण की जटिलता पर ध्यान दिलाया, जहां लोग अक्सर एक साथ कई भाषाओं का प्रयोग करते हैं।

बापना ने कहा कि यह एआई मॉडल के लिए अनूठी चुनौतियां पेश करता है, क्योंकि उन्हें सटीक प्रतिक्रियाओं को समझने और उत्पन्न करने के लिए उपयुक्त शब्दकोशों को सही ढंग से पहचानना और लागू करना होगा। भारत में डेवलपर्स को सशक्त बनाने के लिए, गूगल भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के सहयोग से प्रोजेक्ट वाणी का विस्तार कर रहा है। यह परियोजना डेवलपर्स को 80 जिलों के 80,000 वक्ताओं से एकत्रित 58 भाषाओं में 14,000 घंटों से अधिक का भाषण डेटा प्रदान करती है।

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