लोकतंत्र के लिए खतरा

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को पेंसिल्वेनिया के बटलर फार्म शो की रैली में कई गोलियां दागी गईं। एक गोली पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के दाहिने कान को भेदती निकल गई। पूर्व राष्ट्रपति पर हमले की इस घटना से पूरा विश्व हैरान है। हमले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है। दुनिया भर के नेताओं ने डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले की निंदा की है।

अमेरिकन सीक्रेट सर्विस ने एक बयान में कहा कि रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप पर हमला करने वाला मारा गया। दूसरे व्यक्ति की फायरिंग में मौत हो गई, दो अन्य दर्शक घायल हो गए। हमलावर थॉमस  मैथ्यू क्रुक्स पेंसिल्वेनिया का ही था, जिसकी उम्र 20 साल थी। एफबीआई उसका विवरण और हमले का मकसद पता कर रही है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने  कहा कि हमें सभ्य तरीके से व्यवहार बनाए रखना चाहिए। हिंसा का कोई स्थान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से बेहद चिंतित हूं। राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। वास्तव में ऐसी हिंसक घटनाएं लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। राजनीतिक हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है।

जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि यह अमेरिकी लोकतंत्र के लिए काला दिन है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने हिंसा और बढ़ने का डर जताया है। किसी भी तरह की राजनीतिक हिंसा का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र को चुनौती देने वाली किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए। ज्यादातर नेताओं ने कहा-चुनावी रंजिश में नफरत इतनी ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले से पहले अमेरिका में राष्ट्रपतियों, पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रमुख दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को निशाना बनाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। हमले के बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस पर भी सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञ इसे सुरक्षा में बड़ी चूक मान रहे हैं। सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में एक कड़़ी सुरक्षा वाले क्षेत्र में यह हमलावर एक ऐसी बंदूक लेकर गया जिसे छिपाया नहीं जा सकता और फिर भी सीक्रेट सर्विस हमले को न रोक पाई।

नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इन चुनावों में बाइडेन की फिटनेस पर लगातार उठते सवालों के बीच ट्रंप को बढ़त मिलने की उम्मीद है। क्या ट्रंप पर हुआ यह हमला उन्हें और भी ज्यादा मजबूत स्थिति में पहुंचा देता है। आने वाले दिनों में इस घटना का अमेरिका के चुनाव में क्या प्रभाव पड़ेगा देखने वाली बात होगी।

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