एंटोड फार्मास्युटिकल्स और मातानंद फाउन्डेशन ने युवाओं की आंखों को सुरक्षित रखने के लिए भारत का सबसे बड़ा जागरूकता अभियान चलाया

  • एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने 14 से 20 नवंबर, 2025 तक अपने राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह जागरूकता अभियान के चौथे संस्करण में सहयोग किया। इस अभियान की थीम #OperationMyopia (ऑपरेशन मायोपिया)- युवा आंखों की सुरक्षा के लिए एक मिशन थी।
  • हफ्ते भर चला यह अभियान माँ-बाप, बच्चों और शिक्षकों को भारत के युवाओं में मायोपिया के बढ़ते खतरे के बारे में जागरूक करने और माता-पिता को मायोपिया प्रतिज्ञा जन जागरूकता अभियान के माध्यम से नियमित आंखों की जांच को प्रोत्साहित करने पर आधारित था।
  • इस अभियान में देश भर से 2,500 से ज़्यादा नेत्र विशेषज्ञों और 5,000 वॉलंटियर्स ने हिस्सा लिया।
  • इस अभियान की शुरुआत बाल दिवस पर हुई। इसके तहत बच्चों में शुरुआती नेत्र देखभाल और दृष्टि सुरक्षा पर एंटोड के फोकस को मजबूती मिलती है।

वाराणसी, नवंबर 2025 : मातानंद वेलफेयर फाउंडेशन और स्ट्रैबिस्मस एंड पीडियाट्रिक ऑफ्थल्मोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एसपीओएसआई) के सहयोग से एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह 2025 का समर्थन किया गया। यह राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान एक हफ्ते यानि 14 से 20 नवंबर, 2025 तक चला। #OperationMyopia (ऑपरेशन मायोपिया)– युवा आंखों की सुरक्षा के लिए मिशन थीम वाली इस पहल का उद्देश्य प्रिवेंटिव एजुकेशन (निवारक शिक्षा), विज़न स्क्रीनिंग (दृष्टि जांच) कार्यक्रमों और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के जरिए पूरे भारत में बच्चों और युवाओं में मायोपिया की बढ़ती घटनाओं को कम करना था। 

बाल दिवस से शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य नियमित आंखों की जांच, बाहर खेलने और स्क्रीन के संपर्क को कम करने पर जोर देना था, ताकि भारत में बच्चों में बढ़ती "मायोपिया महामारी" को रोका जा सके। एंटोड फार्मास्यूटिकल्स का उद्देश्य जमीनी और डिजिटल जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जनता तक पहुँचाना और उन्हें शिक्षित करना था, ताकि उन्हें आंखों के स्वास्थ्य और जल्दी हस्तक्षेप के महत्व के बारे में व्यावहारिक जानकारी मिल सके।

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इस साल के अभियान का एक प्रमुख आकर्षण "मायोपिया प्रतिज्ञा– राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह 2025" था। यह आधिकारिक वेबसाइट www.nationalmyopiaweek.org पर आयोजित किया गया था। इस पहल के जरिए अभिभावकों को अपने बच्चों की साल में एक बार आंखों की जांच कराने और अपने समुदायों में मायोपिया की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान के तहत प्रतिभागियों को आधिकारिक मायोपिया प्रतिज्ञा प्रमाणपत्र भी डाउनलोड करने का मौका मिला।

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वाराणसी में भी बच्चों में मायोपिया के केस लगातार बढ़ रहे हैं। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) और लोकल आई इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट बताती है कि स्कूल जाने वाले बच्चों (5 से 16 साल) में मायोपिया का प्रसार 16 से लेकर 20% तक पहुँच गया है । एक्सपर्ट्स इस बढ़ोतरी का कारण घनी आबादी वाले इलाकों में खुली जगहों की कमी, स्क्रीन टाइम का बढ़ना और डिजिटल लर्निंग का बढ़ता असर बताते हैं।

नेत्रोदय द आई सिटी-एलएलपी वाराणसी के डॉयरेक्टर और जनरल सेक्रेटरी, यूपीएसओएस, जॉइंट सेक्रेटरी, ईबीएआई, डॉ. अभिषेक चंद्रा ने कहा , “वाराणसी में हम छोटे बच्चों में मायोपिया के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देख रहे हैं। हमारे क्लीनिकल ऑब्ज़र्वेशन से पता चलता है कि 7 से 15 साल के लगभग 18% बच्चों में मायोपिया के लक्षण दिखते हैं । स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताना, पढ़ाई का बोझ और बाहर खेलने का कम समय इस बढ़ोतरी के मुख्य कारण हैं। माता-पिता को यह जरूर करना चाहिए कि बच्चे रोज़ाना कम से कम एक घंटा बाहर की एक्टिविटी करें और हर साल रेगुलर आँखों की जाँच करवाएँ। समय पर पता चलने से मायोपिया का बढ़ना काफी धीमा हो सकता है और बच्चों की नज़र सुरक्षित रह सकती है।”

पिछले तीन सालों में राष्ट्रीय मायोपिया सप्ताह अभियान सोशल मीडिया पहलों, प्रेस कवरेज और स्कूल जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे भारत में लाखों अभिभावकों, शिक्षकों और बच्चों तक पहुँच चुका है। इस साल एंटोड का लक्ष्य और भी ज़्यादा दर्शकों तक पहुँचना है। इसके अलावा एंटोड का उद्देश्य अपनी गतिविधियों का विस्तार 450 जिलों तक करके और स्कूलों तथा समुदायों को शामिल करके देश भर में 7 करोड़ से ज़्यादा लोगों तक पहुँचना है

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संगठन ने देश भर में जागरूकता गतिविधियों में सहायता के लिए 2,500 से ज़्यादा डॉक्टरों और 5,000 वॉलंटियर्स को नियुक्त किया गया है। इनमें नेत्र विशेषज्ञ द्वारा संचालित, स्कूल-आधारित शैक्षिक सत्र, विजन स्क्रीनिंग कैंप और नेत्र स्वास्थ्य पर इंटरैक्टिव वर्कशॉप शामिल हैं। क्लीनिक और हॉस्पिटल स्तर पर मरीजों को प्रिवेंटिव आई हेल्थ (निवारक नेत्र देखभाल) पर मार्गदर्शन के साथ क्षेत्रीय भाषाओं में सूचनात्मक पत्रक प्राप्त होंगे।

एंटोंड फार्मास्यूटिकल्स के एक्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर श्री निखिल के. मसुरकर ने सक्रिय कार्रवाई के महत्व पर जोर देते हुए कहा , “ मायोपिया का ग्लोबल ट्रेंड बहुत चिंताजनक हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि 2050 तक दुनिया की लगभग आधी आबादी मायोपिया से प्रभावित हो सकती है। #OperationMyopia के साथ हमारा मिशन एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाना है, जो प्रारंभिक नेत्र जांच को बढ़ावा दे और परिवारों को बच्चों के आंखों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सशक्त बनाए।”

इन प्रयासों के साथ ही दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, लखनऊ, अहमदाबाद, वडोदरा, कोयंबटूर, पुणे, पटना और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में रेडियो कार्यक्रमों और स्थानीय जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाएगा, ताकि आंखों की सेहत से जुड़ा संदेश देश के अलग-अलग समुदायों तक पहुँच सके। रेड एफएम के सहयोग से चलाए जा रहे ये शहर-स्तरीय अभियान लोगों की भागीदारी बढ़ाने और इस पहल को और मजबूत बनाने का लक्ष्य रखते हैं। मायोपिया एक बढ़ती हुई वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। एंटोड फार्मास्युटिकल्स जागरूकता, इनोवेशन और रोकथाम के ज़रिए इससे निपटने के लिए लगातार काम कर रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों की आंखों की रोशनी सुरक्षित रखी जा सके।

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