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Prayagraj News: मौनी अमावस्या पर संगम स्नान, पूजा-अर्चना और दान-पुण्य जारी

महाकुंभनगर। महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान आज मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संपन्न हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन संगम में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु डुबकी लगाने के बाद दान-पुण्य, पूजा-अर्चना और मौन व्रत रख रहे हैं, जो इस दिन को और अधिक कल्याणकारी बनाता है।
शुभ मुहूर्त और सुरक्षा व्यवस्था
दूसरे अमृत स्नान पर बने विशेष शुभ योग
पंडित अवधेश मिश्र शास्त्री के अनुसार, महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर त्रिग्रही योग बन रहा है, जिसमें सूर्य, बुध और चंद्रमा मकर राशि में स्थित हैं। साथ ही, शिववास योग भी इस दिन को और शुभ बना रहा है। इन योगों में स्नान, दान और पूजन करने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या के दिन क्या करें शुभ कार्य?
ज्योतिषाचार्य राकेश त्रिपाठी बताते हैं कि, चाहे संगम में स्नान करें या घर पर व्रत और पूजन करें, कुछ कार्य विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं:
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- पितरों का स्मरण करें और "ॐ पितृ देवतायै नमः" मंत्र का जाप करें।
- तुलसी के पास दीपदान करें और कुछ समय के लिए मौन व्रत रखें।
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल और चावल का दान करें—ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
- गंगा स्नान करें, यदि संभव न हो तो गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
अब तक 15 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान से हुई थी। तब से अब तक, 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।