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लखनऊ : विधानसभा और लोकसभा में कम मतदान करने वाले शहरी मतदाता अब एसआईआर फॉर्म भरने में भी पीछे, 9 लाख नाम कटने की आशंका
लखनऊ : राजधानी लखनऊ के शहरी मतदाता, जो विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मतदान के प्रति उदासीन रहे, अब एसआईआर फॉर्म भरने में भी पिछड़ गए हैं। जहां ग्रामीण क्षेत्र—मोहनलालगंज, बीकेटी और मलिहाबाद—की लगभग 80% आबादी ने एसआईआर फॉर्म भरकर जमा कर दिया है, वहीं लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्वी और लखनऊ कैंट जैसे शहरी क्षेत्रों में यह संख्या सिर्फ 60% है।
कितने मतदाता हुए गायब या मृत
4.5 लाख से अधिक मतदाता शहर छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं।
1.25 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है।
इन परिस्थितियों के अनुसार, अनुमान लगाया जा रहा है कि एसआईआर प्रक्रिया के बाद लखनऊ की मतदाता सूची से लगभग 9 लाख नाम हट सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र एक बार फिर आगे
लखनऊ उत्तर, पूर्वी और कैंट में जहाँ केवल 60% फॉर्म भरे गए, वहीं मोहनलालगंज, बीकेटी और मलिहाबाद में 80% फॉर्म जमा हुए हैं।
मतदान के मामले में भी यही रुझान देखा गया था—2022 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्रों में केवल 50% मतदान, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मतदान हुआ था।
अब 26 दिसंबर तक भर सकेंगे एसआईआर फॉर्म
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर एसआईआर फॉर्म की अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी गई है।
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अभय किशोर ने मतदाताओं से अपील की है कि वे समय रहते एसआईआर फॉर्म जमा करें, ताकि उनका नाम मतदाता सूची से न कटे।
शहर में मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन करने की यह प्रक्रिया आने वाले चुनावों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।
