उत्तर प्रदेश में बब्बर खालसा का आतंकी गिरफ्तार, महाकुंभ में हमले की रच रहा था साजिश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में गुरुवार तड़के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सक्रिय आतंकवादी लजर मसीह को गिरफ्तार किया गया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि लजर मसीह प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आतंकी हमले की साजिश रच रहा था और फिर फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत से फरार होकर पुर्तगाल में शरण लेना चाहता था।

डीजीपी के अनुसार, लजर मसीह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के तीन एजेंटों के संपर्क में था और पहले भी हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में जेल जा चुका है। वह 24 सितंबर 2024 को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल से फरार हो गया था। भागने के बाद उसने 23 अक्टूबर 2024 को पंजाब के बटाला में स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के इशारे पर गोली चलाई थी। इसके बाद वह सोनीपत और दिल्ली में छिपा रहा।

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अवैध हथियार और विस्फोटक बरामद

उत्तर प्रदेश एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि लजर मसीह को कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र से तड़के करीब 3:20 बजे गिरफ्तार किया गया। उसके पास से तीन सक्रिय हैंड ग्रेनेड, दो डेटोनेटर, एक विदेशी पिस्तौल, 13 विदेशी कारतूस, सफेद रंग का विस्फोटक पाउडर, एक आधार कार्ड (जिस पर गाजियाबाद का पता दर्ज है) और बिना सिम कार्ड वाला मोबाइल फोन बरामद किया गया है।

आईएसआई और खालिस्तानी आतंकियों से सीधा संपर्क

डीजीपी कुमार के अनुसार, लजर मसीह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के जर्मनी स्थित मॉड्यूल के प्रमुख स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के लिए काम करता था और आईएसआई एजेंटों के सीधे संपर्क में था। वह पंजाब में पुलिस चौकियों पर हमलों में शामिल आतंकियों को कूट संकेतों के जरिए ग्रेनेड की आपूर्ति करता था और पीलीभीत में मारे गए आतंकी विरेश सिंह उर्फ रवि से भी जुड़ा हुआ था।

इसके अलावा, वह अमेरिका स्थित एक खालिस्तानी आतंकी, अजनाला के एक व्यक्ति और कतर में छिपे एक अन्य आतंकी से भी संपर्क में था। एसटीएफ साइबर लैब में उसके मोबाइल फोन डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

ड्रोन के जरिए हथियार और नशे की तस्करी

पुलिस के अनुसार, लजर मसीह आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में पंजाब के नशा और फिरौती गिरोह का इस्तेमाल करता था। मुक्तसर जेल में एक कैदी के जरिए उसका आईएसआई एजेंटों से संपर्क हुआ था, जिसने उसे सीमा पार से ड्रोन के जरिए हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले लोगों से जोड़ा।

डीजीपी कुमार ने कहा कि यह गिरफ्तारी आतंकवाद विरोधी अभियान में बड़ी सफलता है। पूछताछ जारी है, जिससे उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा सकेगी।

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