Lucknow News: अस्पताल में छोड़कर गए बेटे, डेढ़ माह बाद मां ने पुलिस से लगाई गुहार

लखनऊ: दो जवान बेटे, अच्छी आमदनी, मगर मां को घर में रखने की जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं। बहुओं की अनबन के चलते दोनों बेटों ने अपनी 65 वर्षीय मां को अस्पताल में भर्ती कराकर छोड़ दिया और लौटकर नहीं आए। डेढ़ महीने तक अस्पताल कर्मियों ने उनकी देखभाल की, लेकिन आखिरकार जब अस्पताल ने छुट्टी दे दी, तो बुजुर्ग मां हजरतगंज कोतवाली पहुंचकर फूट-फूटकर रोने लगीं।

आंख के ऑपरेशन के बहाने अस्पताल में छोड़ दिया

हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक, निर्मला देवी के पति सेना में फॉलोअर थे। उनके निधन के बाद निर्मला ने घरों में काम करके अपने दो बेटों सूरज यादव और अरविंद यादव को पाला-पोसा। बड़ा बेटा हाईकोर्ट में फोटो कॉपी की मशीन चलाता है, जिससे अच्छी कमाई होती है, जबकि छोटा बेटा भी ठीक-ठाक कमाता है।

यह भी पढ़े - Chandauli News: जयमाल के दौरान प्रेमी ने दुल्हन को किया किस, टूटी तय शादी, फिर मंदिर में रचाई प्रेम विवाह

निर्मला देवी ने पुलिस को बताया कि उन्हें कम सुनाई देता है और आंखों की रोशनी भी कम हो गई थी। इसी बहाने बेटों ने उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया और फिर कभी लौटकर नहीं आए। डेढ़ महीने तक अस्पताल कर्मियों ने उनका इलाज और देखभाल की, लेकिन अंततः उन्हें अस्पताल से बाहर कर दिया गया।

पुलिस ने बेटों को ढूंढकर फटकार लगाई

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद निर्मला देवी रविवार दोपहर हजरतगंज थाने पहुंचीं और अपनी आपबीती सुनाई। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने दोनों बेटों को ढूंढने के लिए टीम लगाई। एक बेटा कृष्णानगर में मिला, जबकि दूसरा मड़ियांव के फैजुल्लागंज में।

दोनों बेटों को थाने बुलाकर जमकर फटकार लगाई गई और माफीनामा लिखवाया गया। पुलिस ने लिखित बयान लिया कि दोनों बेटे बारी-बारी से दो-दो महीने तक मां की देखभाल करेंगे।

हर हफ्ते पुलिस करेगी निगरानी

इंस्पेक्टर ने एक महिला दरोगा और दो सिपाहियों की टीम बनाई, जो हर हफ्ते निर्मला देवी से मिलकर उनका हालचाल लेगी और रिपोर्ट दर्ज करेगी। यदि बेटों ने फिर से मां की उपेक्षा की, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

खबरें और भी हैं

Latest News

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.