लखनऊ: 46 आईएएस अफसरों का तबादला, संजय प्रसाद को फिर से गृह विभाग की जिम्मेदारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार रात प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 46 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए। इनमें विशेष सचिव से लेकर अपर मुख्य सचिव स्तर तक के अफसर शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वासपात्र माने जाने वाले 1995 बैच के आईएएस अधिकारी संजय प्रसाद को फिर से गृह विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की आपत्ति के चलते उन्हें इस पद से हटा दिया गया था। गृह विभाग का प्रभार पहले वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार को सौंपा गया था। अब दीपक कुमार को बेसिक शिक्षा विभाग का एसीएस बनाया गया है, जबकि उनके पास वित्त और माध्यमिक शिक्षा विभाग पूर्ववत रहेंगे।

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प्रमुख बदलाव

1. वेंकटेश्वर लू: परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को समाज कल्याण और सैनिक कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।

2. राजेश कुमार सिंह: तीन महीने से प्रतीक्षा में चल रहे अधिकारी को प्रमुख सचिव होमगार्ड बनाया गया।

3. आलोक कुमार द्वितीय: हथकरघा और वस्त्रोद्योग विभाग से स्थानांतरित कर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव बनाए गए।

4. नरेंद्र भूषण: पंचायतीराज विभाग से प्राविधिक शिक्षा विभाग में स्थानांतरित।

5. अनिल गर्ग: सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव का प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का कार्यभार हटा दिया गया।

6. अनिल कुमार सागर: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद औद्योगिक विकास विभाग से हटाकर हथकरघा और वस्त्रोद्योग विभाग में प्रमुख सचिव नियुक्त।

प्रतीक्षारत अधिकारियों को मिली पोस्टिंग

  • सारिका मोहन: सचिव बेसिक शिक्षा।
  • अनिल कुमार सागर: प्रमुख सचिव हथकरघा और वस्त्रोद्योग।
  • राजेश कुमार सिंह प्रथम: प्रमुख सचिव होमगार्ड।

नए सचिव पद पर पदस्थापन

  • अनुज कुमार झां: स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक और सचिव।
  • भूपेंद्र एस चौधरी: सचिव, पीडब्ल्यूडी।
  • माला श्रीवास्तव: भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक और सचिव।
  • वैभव श्रीवास्तव: सचिव, गृह।
  • अजीत कुमार: सचिव, कृषि विभाग।
  • अटल कुमार राय: सचिव, पंचायतीराज विभाग।

जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों में भी बदलाव की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, 6 जनवरी के बाद राज्य में लगभग एक दर्जन जिलों के जिलाधिकारी और कुछ मंडलों के मंडलायुक्त भी बदले जा सकते हैं।

यह प्रशासनिक फेरबदल नए साल में सरकार की प्राथमिकताओं और लोकसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

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