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Lakhimpur Kheri News: सामूहिक विवाह समारोह में 772 जोड़ों ने लिया जीवनसाथी संग रहने का संकल्प, अव्यवस्थाओं ने डाला खलल

लखीमपुर खीरी : लखीमपुर खीरी जिले में रविवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 772 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में 557 जोड़ों ने विवाह किया, जबकि निघासन कस्बे में 215 जोड़ों का निकाह और फेरे की रस्में पूरी की गईं।
शादी का प्रमाण पत्र और गृहस्थी बसाने के लिए मिली आर्थिक मदद
समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस विवाह योजना के तहत 557 बेटियों का विवाह जीआईसी मैदान पर कराया गया। इनमें से 540 जोड़ों ने हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे लिए, जबकि 17 मुस्लिम जोड़ों ने निकाह कबूल किया। इस दौरान डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी संकल्प शर्मा, सीडीओ अभिषेक कुमार और अन्य अधिकारियों ने नवविवाहितों को उपहार एवं शादी का प्रमाण पत्र सौंपकर शुभकामनाएं दीं।
डीएम ने घोषणा की कि सरकार की ओर से कन्या के बैंक खाते में 35,000 रुपये की आर्थिक सहायता भेजी जाएगी, जिससे वे अपनी गृहस्थी की शुरुआत कर सकें। समारोह में धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी, सदर विधायक योगेश वर्मा, पालिकाध्यक्ष डॉ. ईरा श्रीवास्तव, ब्लॉक प्रमुख नकहा पवन गुप्ता एवं सदर दिव्या सिंह सहित समाज कल्याण अधिकारी तेजस्वी मिश्रा मौजूद रहे।
निघासन में 211 जोड़ों का विवाह, अव्यवस्थाओं से जूझे लोग
डॉ. भीमराव अंबेडकर तराई किसान महाविद्यालय, निघासन में भी सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया। यहां 211 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ, लेकिन आयोजन में भारी अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं।
बीडीओ जयेश कुमार ने बताया कि रमियाबेहड़ से 111 जोड़ें आना थे, लेकिन 15 नहीं पहुंचे। इसी तरह निघासन से 126 में से 11 जोड़े समारोह में शामिल नहीं हुए। विवाह के दौरान गायत्री शक्ति पीठ टीम के दयाशंकर और गूना देवी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हिंदू जोड़ों का विवाह संपन्न कराया।
हालांकि, भोजन और पानी की भारी किल्लत देखी गई। वर-वधू के लिए फूलों की मालाएं तक कम पड़ गईं, जिससे पहले 90 जोड़ों को मालाएं दी गईं, फिर बाकी को समायोजित कर दिया गया। समारोह में रमियाबेहड़ बीडीओ सुशांत सिंह, एडीओ अनुज अवस्थी, उपदेश वर्मा और सुनील पंकज समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
भोजन-पानी की किल्लत, भूखे लौटे कई मेहमान
सामूहिक विवाह समारोह में भोजन की भी भारी कमी देखी गई। बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों के सापेक्ष भोजन कम पड़ गया, जिससे कई लोगों को पूड़ी-सब्जी नहीं मिली, तो कुछ को केवल चावल और सब्जी से ही संतोष करना पड़ा।
कई लोग भूखे पेट लौट गए, क्योंकि टंकियों में पानी खत्म हो जाने के कारण उन्हें पीने के लिए भी पानी नहीं मिल सका। भीड़ के कारण भोजन के लिए पुलिस को व्यवस्था संभालनी पड़ी।
अधिकारियों के लिए वीआईपी भोजन बना चर्चा का विषय
सामूहिक विवाह में वर-वधू और उनके परिजनों के लिए साधारण भोजन की व्यवस्था थी, जबकि अधिकारियों के लिए विशेष वीआईपी इंतजाम किया गया। स्टेज के पीछे उनके लिए अलग से कॉफी और विशेष भोजन की व्यवस्था की गई थी।
यह अलग-अलग स्तर की भोजन व्यवस्था समारोह में चर्चा का विषय बन गई, जिससे लोगों में नाराजगी भी देखी गई।