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एएसटीए ने ग्रामीण भारत के लिए ‘प्रोजेक्ट अंकुरण’ की घोषणा की किसानों और गाँव के युवाओं के लिए निःशुल्क शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम
कानपुर, नवंबर 2025 : कानपुर नगर जिले के बिठूर गाँव के लगभग 54 निवासी 12 अक्टूबर 2025 को ‘श्री लगन बारात घर’ में पूंजी बाजार पर एक विशेष सत्र में शामिल हुए। किसानों, कृषि-व्यवसाय करने वालों और एमएसएमई कर्मचारियों से बने इस समूह ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चार घंटे अवधूत साते ट्रेडिंग अकादमी (ASTA) के मास्टर ट्रेनर के साथ सीखते हुए बिताए। प्रतिभागियों में 53 पुरुष और एक महिला (गृहिणी) शामिल थीं, जो सभी समझदारी से निवेश कैसे किया जाए, यह सीखने के लिए उत्साहित थे।
“पहली बार हमें समझ आया कि ट्रेडिंग वास्तव में क्या होती है। हमें यह भी नहीं पता था कि यह मोबाइल फोन से भी किया जा सकता है। अगर हम पहले से ही रोजमर्रा के उत्पाद बनाने वाली कंपनियों में निवेश करते, तो आज अच्छा रिटर्न मिलता। इस सत्र के बाद मैं सबसे पहले डिमैट अकाउंट खोलूँगा और अच्छी कंपनियों में थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश करना शुरू करूँगा, ताकि जब हमारे बच्चे बड़े हों, तो उनकी पढ़ाई या शादी के लिए बचत तैयार हो,”
बिठूर के 40 वर्षीय मज़दूर ठेकेदार और व्यापारी राम बहादुर यादव ने कहा । 35 वर्षीय किसान और डेयरी मालिक समीेर नगर ने कहा, “मैं काफी समय से एएसटीए के कार्यक्रम ऑनलाइन देख रहा था, लेकिन सोचा नहीं था कि आप लोग बिठूर में भी ऐसा कार्यक्रम आयोजित करेंगे और वह भी मुफ्त में। मैंने पाँच साल पहले, कोविड से पहले, महिंद्रा का ट्रैक्टर खरीदा था। आज समझ आया कि अगर उसके साथ महिंद्रा के शेयर भी खरीद लिए होते, तो यह एक स्मार्ट निवेश होता। देर आए दुरुस्त आए — आज के सत्र ने मुझे निवेश शुरू करने की प्रेरणा दी है।”
एक अन्य प्रतिभागी, 38 वर्षीय किसान दीपु अवस्थी ने कहा, “हम अक्सर अपनी उपज को बिचौलियों द्वारा तय कीमत पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं। लेकिन आज बेसिक चार्ट रीडिंग समझने के बाद लगता है कि हम यह तय कर पाएँगे कि हमें उचित दाम मिल रहा है या नहीं।”
यह कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट अंकुरण’ के तहत आयोजित दूसरा ग्रामीण सत्र था — अवधूत साते ट्रेडिंग अकादमी (ASTA) की नई पहल। इस प्रोजेक्ट की अवधारणा 2025 के SEBI इन्वेस्टर सर्वे के बाद की गई, जिसमें सामने आया कि भारत के अधिकांश निवेशकों को पूंजी बाजार का औपचारिक प्रशिक्षण नहीं मिला है। एक प्रतिशत से भी कम लोगों ने संरचित वित्तीय शिक्षा प्राप्त की है और जागरूकता की कमी निवेश का सबसे बड़ा अवरोध बनी हुई है। आज भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार है और डिमैट खातों की संख्या 20 करोड़ को पार कर चुकी है। फिर भी बाजार तंत्र की सीमित समझ के कारण कई निवेशक नुकसान उठाते हैं। पिछले 17 वर्षों से अवधूत साते अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से इस स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। ‘अंकुरण’, जिसका अर्थ संस्कृत में “अंकुर फूटना” है, का उद्देश्य ग्रामीण भारत की जड़ों तक वित्तीय जागरूकता पहुँचाना है।
“ग्रामीण भारत के भाई-बहनों के बीच ज्ञान और समझ की रोशनी फैलाने का यह अभियान ‘वर्ल्ड इन्वेस्टर वीक’ से शुरू होकर पूरे वर्ष चलेगा। यह पूरे दिन का गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण प्रतिभागियों को बिल्कुल नि:शुल्क दिया जाएगा। हमारा मानना है कि प्रोजेक्ट अंकुरण भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने वाला छोटा लेकिन प्रभावी कदम है। यदि ग्रामीण युवा सही ज्ञान के साथ बाजार में प्रवेश करेंगे, तो भारत न केवल सबसे बड़ा, बल्कि सबसे अनुशासित निवेशक देश बन सकता है,” अवधूत साते, संस्थापक, अवधूत साते ट्रेडिंग अकादमी (ASTA) ने कहा।
करीब दो दशक पहले कुछ दोस्तों और परिवार के लोगों को पूंजी बाजार समझाने से शुरू हुई यह पहल आज ज्ञान के ‘गुरुकुल’ के रूप में विकसित हो चुकी है। एएसटीए ने 51 देशों में 60,000 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया है। इसका उद्देश्य ज्ञान, कौशल और क्षमता के माध्यम से वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करना है। एएसटीए के प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्लेषण, निर्णय-क्षमता और क्रियान्वयन कौशल पर केंद्रित हैं, ताकि प्रतिभागी स्वतंत्र ट्रेडर और निवेशक बन सकें। गुरुकुल दर्शन के अनुरूप, एएसटीए ज्ञान के साथ संस्कार भी देता है, जिससे प्रतिभागी सही मानसिकता, अनुशासन और भावनात्मक संतुलन विकसित कर सकें और ट्रेडिंग के उतार-चढ़ाव को सहजता से संभाल सकें।
प्रशिक्षण मॉड्यूल में भावनात्मक नियंत्रण, तनावपूर्ण स्थितियों का प्रबंधन, “व्हाट-इफ” विश्लेषण, स्टॉप लॉस की पहचान, और FOMO (Fear of Missing Out) जैसी आम गलतियों से बचने जैसे व्यवहारिक पहलुओं को भी शामिल किया गया है।
प्रोजेक्ट अंकुरण के माध्यम से एएसटीए का मिशन ग्रामीण भारत में वित्तीय साक्षरता का विस्तार करना है — इस बार, गाँव-गाँव जाकर बाजार शिक्षा पहुँचाने के संकल्प के साथ।
