- Hindi News
- उत्तर प्रदेश
- कानपुर
- Kanpur News : अरौल हादसे में बुझ गया दो परिवारों का चिराग, पोस्टमार्टम हाउस में चीख-पुकार, एक साथ उठ...
Kanpur News : अरौल हादसे में बुझ गया दो परिवारों का चिराग, पोस्टमार्टम हाउस में चीख-पुकार, एक साथ उठीं दो चिताएं
कानपुर : अरौल में हुए भीषण सड़क हादसे के बाद बुधवार को पोस्टमार्टम हाउस का माहौल दिल दहला देने वाला था। अपनों के शव देखकर परिजन रो-रोकर बेहोश होते रहे। तीन बहनों के इकलौते भाई शशि को कफन में देख परिवार टूट गया। वहीं शौकी चौधरी अपने चार साल के पोते अनुराग का शव देखते ही संभल नहीं सके। उनके बेटे का एकमात्र सहारा छिन गया—पत्नी आईसीयू में जिंदगी से जूझ रही है और बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा।
सोमवार रात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के अरौल क्षेत्र में हुए इस हादसे में कुल तीन लोगों—25 वर्षीय नसीम, 26 वर्षीय शशि और 4 वर्षीय अनुराग की जान गई थी। परिजन मंगलवार देर रात शहर पहुंचे और बुधवार सुबह शव देखकर चीख-पुकार मच गई।
शशि—तीन बहनों का इकलौता भाई, परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसी पर
शशि के चचेरे भाई अंकुर गिरी ने बताया कि शशि तीन बहनों में अकेला भाई था। पिता धर्मेंद्र का सालों पहले निधन हो चुका था। मां उषा देवी और बहनों की पूरी जिम्मेदारी उसी पर थी। वह गुवाहाटी की एक पेपर मिल में सुपरवाइजर था।
शशि नौकरी के लिए सऊदी जाना चाहता था और मेडिकल टेस्ट के लिए 10 दिन पहले गुवाहाटी से निकला था। मेडिकल पूरा कर वह घर होते हुए काम पर लौटने वाला था, लेकिन सफर के दौरान ही मौत ने उसे छीन लिया।
अनुराग की मौत से परिवार उजड़ गया—दादी ICU में बेटे को देखने को तड़प रही
अनुराग के दादा शौकी चौधरी पोते का शव देखते ही फूट-फूटकर रो पड़े। बोले—“मेरे बेटे का सबकुछ खत्म हो गया…एकलौता बेटा चला गया, बहू अस्पताल में जिंदगी-मौत से लड़ रही है। उसे कैसे बताएं कि उसका लाडला अब नहीं रहा।”
अनुराग के बड़े चाचा संजय ने पिता को संभालने की कोशिश की, लेकिन खुद भी रो पड़े। बताया कि दुर्घटना की खबर के बाद भी बहू गुड्डी बेटे को पूछ रही है, लेकिन उसे अभी तक बताया नहीं गया कि अनुराग का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
होनहार नसीम का सफर भी अधूरा रह गया
पूर्वी चंपारण के डुमरिया घाट दंगलपुर निवासी नसीम बीटेक (इलेक्ट्रिकल) प्रथम वर्ष का छात्र था। उसके पिता सोहेल अहमद सऊदी में होने के कारण नहीं आ सके, लेकिन बड़ा भाई वसीम, परिजन और रिश्तेदार पहुंचे।
वसीम भाई का शव देखते ही बेहोश हो गया। उसने बताया कि नसीम छुट्टियों में घर आ रहा था और दोस्त की बहन की शादी में शामिल होना था। उसने नई जैकेट भी ली थी—पर पहनने का मौका नहीं मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार तीनों की मौत अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई।
पीड़ित परिवार का आरोप—नशे में धुत चालक के कारण हुआ हादसा
अनुराग के पिता अजय ने बताया कि आगरा तक बस ठीक चली, लेकिन उसके बाद एक ढाबे पर रुकने के दौरान चालक ने शराब पी। नशे में गाड़ी चलाने के कारण यह दुर्घटना हुई। उन्होंने हाइवे पर स्थित ढाबों पर बस चालकों को शराब और नशीले पदार्थ उपलब्ध होने पर सवाल उठाए।
शादी में पहुंचना था, पर उठा बेटे का जनाज़ा
अजय ने बताया कि वह अपनी मां का इलाज कराने दिल्ली ले जा रहा था और रास्ते में रिश्तेदार की शादी में शामिल होना था—लेकिन उसी दिन बेटे की अर्थी उठानी पड़ी। पत्नी आईसीयू में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
यह हादसा दो परिवारों पर ऐसा कहर बनकर टूटा कि खुशी और उत्सव की जगह मातम और सिसकारियों ने पूरा घर भर दिया।
