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Kannauj: प्रशिक्षण से गैरहाजिर 44 प्रधानाध्यापकों को मिला नोटिस; बीईओ ने जताई नाराजगी, शिक्षकों से किया जवाब-तलब

कन्नौज। तहसील तिर्वा क्षेत्र के ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) उमर्दा के चार दिवसीय प्रशिक्षण से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को लेकर बीईओ ने नाराजगी जताई है। उन्होंने 44 प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
प्रशिक्षण से पहले जारी पत्र में कहा गया था कि अगर कोई शिक्षक यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी कर रहा है या पूर्व में प्रशिक्षण ले चुका है तो उनके स्थान पर प्रधानाध्यापक स्वयं विद्यालय के ही किसी अन्य शिक्षक को नामित कर प्रशिक्षण में भेज सकते हैं। उसके बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इस वजह से नोटिस जारी किया गया है।
इन स्कूलों से हुआ है जवाब-तलब
ब्लॉक उमर्दा क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल मिंडापुर्वा, महानंदपुर्वा, जोतपुर्वा, बरेवा, हांसापुर, अहिकरापुर, बौरापुर, बंसरा, मझरेटा, किनौरा नवीन, बहसार, बलनपुर, रामनगर, अहेर, सांभरपुर, चंदौआ, बिजनापुर, श्यामपुर धौरारा, अलमापुर, मोहब्बतपुर, सरसौनपुर्वा, छतरपुर, बरुआहार, मझिला, पनेपुर्वा, होलेपुर, तिघरा, हरेईपुर मझिला, ऐमा, निकारीपुर, रतनपुर सरैया, बढ़नपुर वीरहार व अगौस से जवाब मांगा गया है। इसी तरह कंपोजिट स्कूल मुगरा, सिमुआपुर, ड्योढ़ा, मकरंदापुर और कन्या प्राथमिक स्कूल सिखवापुर, ठठिया गंज, खैरनगर, बेलामऊ सरैया को भी नोटिस भेजा गया है।
कन्नौज भेजे गए बीईओ आनंद द्विवेदी
बीईओ आनंद द्विवेदी का तबादला एटा से बुलंदशहर किया गया था, लेकिन अब कन्नौज भेजने का संशोधित आदेश जारी हो गया है। इसकी जानकारी प्रयागराज के सहायक शिक्षा निदेशक डॉ. ब्रजेश मिश्र ने पत्र के जरिए दी है।
पीएस, यूपीएस शिक्षकों से नहीं लिया जाएगा काम
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने जारी किए पत्र में कहा है कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों को निदेशालय व उसकी इकाइयों में मास्टर ट्रेनर्स की जिम्मेदारी दी जाती है। उनसे मॉड्यूल तैयार कराने के साथ ही पाठ्यक्रम से संबंधित कार्यों, प्रश्न पत्र तैयार करने व अन्य कार्य लिए जाते हैं। महानिदेशक ने कहा है कि इससे उन शिक्षकों के मूल विद्यालय की पढ़ाई प्रभावित होती है।
इस वजह से शिक्षकों को किसी भी सूरत में संबद्ध न किया जाए। डायट के प्रवक्ता, सहायक अध्यापकों व निदेशालय के कार्यरत प्रवक्ता व अनुदेशकों से ही इस तरह के कार्य कराए जाएं। अगर फील्ड के अनुभव व इनपुट की जरूरत हो तो प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़कर सहयोग लिया जा सकता है।