हनीट्रैप गिरोह की एक और सदस्य रीना सागर गिरफ्तार, नग्न वीडियो बनाकर करती थीं ब्लैकमेल

बरेली। हनीट्रैप गिरोह से जुड़े शातिर अपराधियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। हाल ही में गिरोह की सरगना ममता दिवाकर उर्फ मधु की गिरफ्तारी के बाद अब उसी गिरोह की सदस्य रीना सागर भी पुलिस की पकड़ में आ गई है।

हनीट्रैप का शिकार हुए शुभनेश कुमार ने बारादरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 2023 में रीना ने अपने साथी सत्यवीर और अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें अपने जाल में फंसा लिया था। रीना उर्फ शीतल ने शुभनेश को कॉल कर संजय नगर स्थित अपने घर बुलाया। वहां ममता उर्फ मधु, माधुरी और सत्यवीर पहले से मौजूद थे। योजना के तहत शुभनेश को नशीला पेय पिलाया गया, जिससे वह बेहोश हो गए। इसके बाद उनकी आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बना ली गईं और ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो गया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, माधुरी और सत्यवीर अब भी फरार हैं।

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डॉक्टर की आत्महत्या का मामला

2022 में इसी गिरोह ने सुभाषनगर निवासी डॉक्टर अमरेंद्र चौहान को अपने जाल में फंसाया। एक युवती ने मां के इलाज के बहाने डॉक्टर को घर बुलाया और अश्लील हरकतों में फंसा लिया। इसके बाद गिरोह ने डॉक्टर से रुपये वसूल किए। जब पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, तो डॉक्टर ने कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कराई। बाद में मानसिक तनाव और शर्मिंदगी के कारण डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली।

इस मामले को कोर्ट ने हत्या मानते हुए सुभाषनगर पुलिस को निर्देश दिया कि आरोपियों पर हत्या की धारा लगाई जाए। इस प्रकरण में पुलिस पहले ही हिमानी शर्मा, शुभम, और ममता दिवाकर को जेल भेज चुकी है।

दरोगा को भी बनाया शिकार

गिरोह ने एक दीवान के मकान पर कब्जा कर लिया था और पीलीभीत में तैनात एक दरोगा को भी हनीट्रैप में फंसा दिया। आरोपियों ने दरोगा से अश्लील वीडियो कॉल के बहाने पैसे मांगे। पैसे न देने पर उनकी शिकायत की गई, जिससे दरोगा को निलंबित कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश जारी है।

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