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बलिया DM की सख्त कार्रवाई, SDM कोर्ट का पेशकार निलंबित

बलिया। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने उप जिलाधिकारी (सदर) न्यायालय में कार्यरत पेशकार नीरज कुमार श्रीवास्तव को गंभीर लापरवाही का दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।
शिकायत से खुला मामला
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सुनवाई की तिथियां नियत होने के बावजूद मुकदमे की सुनवाई नहीं हो रही थी। इतना ही नहीं, केस को कई बार निरस्त कर दोबारा दर्ज किया गया ताकि उसकी प्राचीनता को छुपाया जा सके।
जांच में सामने आई गड़बड़ी
जिलाधिकारी ने इस शिकायत की जांच अपर जिलाधिकारी (वि/रा) बलिया से कराई। जांच रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया
7 जनवरी 2025 को वाद संख्या टी-202515090300469 मुक्तेश्वर मिश्र बनाम परमानंद चौबे दर्ज हुआ, जिसे 22 अप्रैल 2025 को नक्शा छोटा होने के कारण खारिज कर दिया गया।
16 अप्रैल 2025 को दोबारा वाद संख्या टी-202515090307352 दर्ज किया गया, जिसे 9 मई 2025 को फिर उसी कारण निरस्त कर दिया गया।
6 जून 2025 को तीसरी बार वाद संख्या टी-202515090311483 दर्ज किया गया, जिसमें 20 अगस्त 2025 को अंतिम आदेश पारित कर दिया गया। जांच में यह भी पाया गया कि एक ही प्रार्थना पत्र पर तीन बार वाद दर्ज हुआ।
पारित आदेशों की प्रविष्टि आदेश-पत्र (ऑर्डर शीट) में दर्ज नहीं की गई। वाद सारांश में अलग-अलग तिथियां नियत की गईं, लेकिन आदेश नियत तिथि से पहले ही पारित कर दिए गए।
इन सब से स्पष्ट हुआ कि न्यायालय के पेशकार नीरज कुमार श्रीवास्तव ने आरसीसीएमएस पोर्टल का दुरुपयोग करते हुए गंभीर लापरवाही बरती है।
निलंबन और आगे की कार्यवाही
जिलाधिकारी ने नीरज श्रीवास्तव को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उ.प्र. सरकारी कर्मचारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 और उ.प्र. सरकारी कर्मचारियों के आचरण नियमावली, 1956 के तहत निलंबित कर दिया।
निलंबन अवधि में उन्हें तहसील बलिया के संग्रह अनुभाग से संबद्ध किया गया है। इस मामले की विभागीय जांच अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) बलिया को सौंपी गई है। वे आरोप पत्र गठित कर अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करेंगे।