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बलिया में घाघरा का तेवर तल्ख, लहरों ने पार किया लाल निशान ; एसडीएम ने किया निरीक्षण

बैरिया, बलिया। गंगा नदी का तेवर नरम पड़ते ही घाघरा की लहरें तल्ख हो गयी है। शुक्रवार को घाघरा ने डीएसपी हेड पर खतरा विन्दु पार कर दिया। वही, नदी की प्रवृति बढ़ाव की ओर अग्रसर है।
बैरिया, बलिया। गंगा नदी का तेवर नरम पड़ते ही घाघरा की लहरें तल्ख हो गयी है। शुक्रवार को घाघरा ने डीएसपी हेड पर खतरा विन्दु पार कर दिया। वही, नदी की प्रवृति बढ़ाव की ओर अग्रसर है। डीएसपी हेड पर शाम 4 बजे नदी का जलस्तर 64.56 मीटर रिकार्ड किया गया, यहां खतरा विन्दु 64.01 मीटर है। वहीं, चांदपुर और मांझी गेज पर भी घाघरा बढ़ाव पर है।
मौके पर बाढ़ विभाग का कोई भी जिम्मेवार अधिकारी मौके पर नही है। कटान की सूचना पर उपजिलाधिकारी बैरिया आत्रेय मिश्र मौके पर पहुँचकर कटान व बाढ़ का जायजा लिया वही लोगों को भरोसा दिया कि बाढ़ व कटान से हुए नुकसान का जायजा लेकर सभी लोगों को नियमानुसार सहायता प्रदान की जाएगी। उपजिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ राहत केंद्र में शरण लेने वाले लोगों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने कटान को खतरनाक बताते हुए लोगों को नदी से दूरी बनाये रखने को कहा।
उपजिलाधिकारी के साथ मौके पर चौकी इंचार्ज के साथ क्षेत्रीय लेखपाल भी मौजूद थे। एसडीएम ने स्पष्ट किया है कि क्षेत्रीय लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, रोजगार सेवक व पुलिसकर्मियों को चौबीसों घंटे बाद राहत केंद्र पर रहने का निर्देश दिया गया है।
सब्जी की खेती हो रही बर्बाद
सरयू नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण बकुल्हा, टोला फतेह राय, चाँददीयर, गुमानी के ढेरा, शिवाल मठिया, गोपालनगर, मानगढ़, वशिष्ठ नगर, देवपुर मठिया के सैकड़ों एकड़ खेतों में खड़ी खरीफ की फसल के साथ साथ परवल व अन्य सब्जियों की खेती बाढ़ की पानी मे डूब कर नष्ट हो गई है। सरयू नदी में आई बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है लाखों रुपए मूल्य की खरीफ की फसल अब तक नष्ट हो चुकी।
गंगा के तटवर्ती इलाके में कटान तेज
गंगा उस पार नौरंगा, चक्की नौरंगा, भगवानपुर, उदईछपरा के ढेरा के सामने कटान तेज होने के कारण ग्रामीण भयभीत है। उपजिलाधिकारी के निर्देश पर मौके पर पहुँचे क्षेत्रीय लेखपाल ने उपजिलाधिकारी को बताया है कि कटान तेज है, किंतु फिलहाल किसी भी बस्ती को कटान से खतरा नही है। उपजिलाधिकारी आत्रेय मिश्र ने बताया की बाढ़ विभाग को पत्र भेजकर मौके का स्थलीय निरीक्षण कर कटानरोधी कार्य कराने का निर्देश दिया हूं।