Ballia News: जाम में फंसे मासूम को नाव से ले जाया गया अस्पताल, नहीं बच सकी जान, गांव में पसरा मातम

बलिया। कभी-कभी वक्त की एक देरी जिंदगी पर भारी पड़ जाती है। ऐसा ही दर्दनाक हादसा गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना क्षेत्र के कनुआन गांव में सामने आया, जहां तीन वर्षीय मासूम की जान जाम और संसाधनों की कमी की भेंट चढ़ गई। बीमारी के चलते परिजन उसे बक्सर सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पानी पीते समय बिगड़ी तबीयत

शनिवार शाम कनुआन गांव निवासी सूरज राजभर का तीन साल का बेटा सावन कुमार गिलास से पानी पी रहा था। अचानक उसे जोर की खांसी और हिचकी आने लगी, जिससे उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। परिवार वाले घबरा गए और तुरंत गांव के एक स्थानीय चिकित्सक से संपर्क किया, लेकिन वहां ऑक्सीजन की सुविधा नहीं थी।

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एनएच-31 पर जाम बना जीवन की बाधा

स्थिति बिगड़ती देख परिजन सावन को बक्सर ले जाने के लिए रवाना हुए। कोटवा नारायणपुर पहुंचने पर पता चला कि एनएच-31 पर भारी जाम लगा हुआ है। ऐसे में परिजन गंगा घाट पहुंचे और नाव के सहारे सावन को लेकर बक्सर सदर अस्पताल पहुंचे।

अस्पताल पहुंचते-पहुंचते सब कुछ खत्म

जब तक सावन को अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस खबर से पूरे गांव में मातम छा गया है। मां आरती का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि यदि समय पर इलाज मिल गया होता, तो शायद सावन की जान बचाई जा सकती थी।

गंभीर मरीजों के लिए चुनौती बना ट्रैफिक जाम

ग्रामीणों का कहना है कि एनएच-31 पर अक्सर लगने वाला जाम मरीजों के लिए बड़ी परेशानी बनता जा रहा है। ऐसे में गंभीर मरीजों को समय रहते इलाज के लिए ले जाना मुश्किल हो गया है। यह हादसा सिस्टम की लाचारी और आधारभूत स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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