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Ram Mandir Dhwajarohan 2025 : पीएम मोदी ने साझा किया श्रीराम मंदिर धर्मध्वजा आरोहण का वीडियो, बोले, यह भावविभोर कर देने वाला क्षण
नई दिल्ली। अयोध्या में मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त के दौरान श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा का औपचारिक ध्वजारोहण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में संपन्न हुआ। पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक पल से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया।
https://twitter.com/i/status/1993248554509562065
‘राम मंदिर का गौरवशाली ध्वज, विकसित भारत के नवजागरण की संस्थापना’
पीएम मोदी ने कहा, ‘राम मंदिर का गौरवशाली ध्वज, विकसित भारत के नवजागरण की संस्थापना है। ये ध्वज नीति और न्याय का प्रतीक हो, ये ध्वज सुशासन से समृद्धि का पथ प्रदर्शक हो और ये ध्वज विकसित भारत की ऊर्जा बनकर इसी रूप में सदा आरोहित रहे भगवान श्री राम से यही कामना है। जय जय सियाराम।’
https://twitter.com/narendramodi/status/1993297922403058005
रामलला मंदिर के ध्वजारोहण से पहले सप्तमंदिर पहुंचे
प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में रामलला मंदिर के ध्वजारोहण से पहले सप्तमंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर में पूजा-अर्चना की।
https://twitter.com/narendramodi/status/1993297922403058005
सप्तमंदिर में पूजा-अर्चना की तस्वीरें भी कीं शेयर
पीएम मोदी ने सप्तमंदिर में पूजा-अर्चना की तस्वीरें शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, ‘आज अयोध्या में रामलला मंदिर के ध्वजारोहण अनुष्ठान से पूर्व मंदिर परिसर में सप्त मंदिरों के दर्शन कर आशीर्वाद लेने का सौभाग्य भी मिला। महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज एवं माता शबरी के सप्त मंदिरों से वह बोध एवं भक्ति प्राप्त होती है, जो हमें प्रभु राम के चरणों के योग्य बनाती है।’
https://twitter.com/narendramodi/status/1993297443270934578
उन्होंने दूसरे पोस्ट में लिखा, ‘सप्त मंदिरों के सभी सात ऋषियों एवं महा भागवतों की उपस्थिति से ही रामचरित पूर्ण होता है। महर्षि वशिष्ठ एवं महर्षि विश्वामित्र ने प्रभु रामलला के विद्याध्ययन की लीला पूरी कराई। महर्षि अगस्त्य से वन गमन के समय ज्ञान चर्चाएं हुईं एवं राक्षसी आतंक के विनाश का मार्ग प्रशस्त हुआ। आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने अलौकिक रामायण विश्व को प्रदान की। देवी अहिल्या, निषादराज एवं माता शबरी ने महान भक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया और हम प्रभु राम के उस समरस आदर्श से परिचित हो पाए, जिसमें उन्होंने खुद कहा है – कह रघुपति सुनु भामिनि बाता। मानउं एक भगति कर नाता॥’
https://twitter.com/narendramodi/status/1993297165624787387
श्रीराम मंदिर ध्वजारोहण: सांस्कृतिक निरंतरता, रामराज्य के आदर्शों की वाहक है धर्मध्वजा
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर फहरायी गई पवित्र ध्वजा गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देती है तथा रामराज्य के आदर्शों का प्रतीक मानी जाती है। यह धर्म ध्वजा पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित मंदिर के शिखर पर फहराई गयी है। धर्म ध्वजा समकोण त्रिभुजाकार है। इसकी ऊंचाई 11 फुट और लंबाई 22 फुट है। ध्वज पर उकेरा गया दीप्तिमान सूर्य का चिह़न भगवान राम के तेज और शौर्य का प्रतीक माना जाता है।
इस पर 'ॐ' और रघुकुल राज के प्रतीक चिह्न 'कोविदार वृक्ष' की आकृतियां भी अंकित हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह पवित्र भगवा ध्वज, राम राज्य के आदर्शों को प्रतिबिंबित करते हुए, गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता के संदेश के वाहक है। ध्वज का निर्माण अहमदाबाद के पैराशूट विशेषज्ञ भरत भाई मेवाड़ा ने रेशमी और कृत्रिम धागों से किया है जो 161 फुट ऊँचे मंदिर के शिखर पर 42 फुट ऊँचे ध्वजदंड पर लहरा रहा है।
इसे हवाओं के वेग और हर मौसम की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। ध्वज तैयार करने वाले श्री मेवाड़ा का कहना है, 'राममंदिर में लगा यह ध्वज वैदिक विधान के अनुरूप बना है। मंदिर के शिखर के अनुपात में ध्वज बनाया जाता है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने ध्वज के प्रतिष्ठापन के अवसर पर रामचरित मानस में इस ध्वज के आख्यान का उल्लेख करते हुए इसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म ध्वजा को लेकर सोसल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा ,'श्री अयोध्या धाम में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर पर ध्वजारोहण एक यज्ञ की पूर्णाहुति नहीं, बल्कि एक नए युग का शुभारंभ है।'
