Jitiya Vrat 2023: झारखंड में जितिया पर्व कब है? 6 या 7 अक्टूबर को, जानें नहाय खाय से लेकर पारण तक की सही तारीक

Jitiya Vrat 2023: झारखंड बहुरंगी संस्कृति वाला राज्य है. यहां बारह महीना कोई न कोई त्योहार पर्व मनाया जाता है. यहां के लोग बहुत ही उत्साह के साथ कोई भी त्योहार को मनाते हैं. इसी में से एक है जितिया का पर्व. यहां के लोग बड़े ही धूमधाम से जितिया का पर्व मनाते हैं. बता दें कि जितिया पर्व संतान की खुशहाली, अच्छे स्वास्थ, उन्नति व वंश वृद्धि के लिए किया जाता है. जितिया व्रत पांच अक्तूबर से नहाय खाय के साथ शुरू हो जायेगा. शास्त्रों में इस व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन माताएं निर्जल उपवास रख विधि-विधानसे राजा जिमूत वाहन की पूजा करती हैं. वहीं चिल्लो सियारो की कथा सुनती हैं और संतान की लंबी आयु का आशीष मांगती हैं.

सात अक्टूबर को होगा पारण

जितिया व्रत को लेकर पांच अक्टूबर को नहाय खाय है. इस दिन माताएं स्नान ध्यान कर निर्जल व्रत पूरा करने का संकल्प लेंगी. अरवाइन भोजन ग्रहण करेंगी. अर्धरात्रि को सरगी करेंगी. उसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा. छह अक्टूबर शुक्रवार को उपवास रखा जाएगा. सात अक्टूबर को सुबह दस बजे के बाद पारण किया जायेगा.

यह भी पढ़े - कलियुग में राम नाम ही मोक्ष का मार्ग : आचार्य दयाशंकर शास्त्री

इन पंचांगों के अनुसार कब है पर्व

मिथिला पंचांग के अनुसार पंडित गुणानंद झा ने बताया कि अष्टमी तिथि छह अक्टूबर को सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हो रही है, जो सात अक्टूबर को सुबह साढ़े दस बजे समाप्त होगी. जिउतिया व्रत अष्टमी तिथि में संध्या में करने का विधान है. इसलिए छह अक्टूबर को उपवास व पूजा होगी. बनारस पंचांग के अनुसार पंडित मनोज पांडे ने बताया कि अष्टमी तिथि छह अक्टूबर को सुबह नौ बजकर 25 मिनट में प्रवेश कर रही है जो सात अक्टूबर को सुबह दस बजकर 21 मिनट में समाप्त होगी.

तीन दिनों का होता है जितिया पर्व

जितिया पर्व तीन दिन का होता है. इसकी शुरुआत सप्तमी तिथि पर नहाय खाय से होती है. इसमें माताएं पवित्र नदी में या जल में गंगाजल मिलाकर स्नान के बाद पूजा कर सात्विक भोग बनाती हैं. दूसरे दिन अष्टमी को निर्जला व्रत रखा जाता है. नवमी तिथि पर पारण किया जाता है.

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.