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JEE Advanced 2025: सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, तीसरा प्रयास कर सकेंगे कुछ छात्र
नई दिल्ली। जेईई एडवांस (JEE Advanced) 2025 परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2025 को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने उन छात्रों को तीसरा अवसर देने का निर्देश दिया है जिन्होंने 5 नवंबर 2024 से 18 नवंबर 2024 के बीच इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ दिया था। कोर्ट ने जॉइंट एडमिशन बोर्ड (जेएबी) को निर्देश दिया कि ऐसे छात्र जेईई एडवांस 2025 में शामिल हो सकेंगे। हालांकि, कोर्ट ने जेएबी के अटेम्प्ट की संख्या तीन से घटाकर दो करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
क्या है मामला?
करीब 22 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि अटेम्प्ट की संख्या घटाकर दो करना अनुचित है। उन्होंने तर्क दिया कि 5 नवंबर के फैसले के आधार पर उन्होंने कोचिंग जॉइन कर ली थी और परीक्षा की तैयारी में जुट गए थे।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि 5 नवंबर 2024 के फैसले के बाद यदि छात्रों ने अपने कोर्स छोड़े हैं, तो 18 नवंबर को निर्णय पलटने से उन्हें नुकसान नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 5 से 18 नवंबर 2024 के बीच पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र जेईई एडवांस 2025 में पंजीकरण कर सकेंगे।
छात्रों को क्यों हुई परेशानी?
अचानक अटेम्प्ट की सीमा घटने से कई छात्रों को तैयारी में बाधा का सामना करना पड़ा। उन्होंने यह मानकर कोर्स छोड़े थे कि उन्हें तीसरा अवसर मिलेगा। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि 18 नवंबर का फैसला रद्द किया जाए।
जेईई एडवांस का महत्व
जेईई एडवांस परीक्षा के जरिए देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में दाखिला मिलता है। यह परीक्षा केवल जेईई मेन के टॉप 2.5 लाख रैंकर्स को देने का मौका मिलता है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन छात्रों को राहत मिली है जो तीसरे प्रयास की तैयारी में थे।