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CBSE: साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, जल्द जारी होगा नई योजना का मसौदा

CBSE BOARD EXAM: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कक्षा 10वीं और 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार कराने की योजना बनाई है। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसमें शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और CBSE के अध्यक्ष भी शामिल थे। इस नई प्रणाली के लाभ और लागू करने की प्रक्रिया पर विचार किया गया है। जल्द ही इसका मसौदा तैयार कर सार्वजनिक राय के लिए जारी किया जाएगा, ताकि छात्र, अभिभावक और शिक्षक अपनी राय साझा कर सकें।
छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका, परीक्षा देना अनिवार्य नहीं
छात्रों के लिए दोनों परीक्षाएं देना अनिवार्य नहीं होगा।
वे चाहें तो सिर्फ एक ही परीक्षा दें, या फिर दोनों में से जिस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करें, उसे मान्य करवा सकते हैं।
दोनों परीक्षाओं के बीच कुछ महीनों का अंतर होगा, जिससे छात्रों को दोबारा तैयारी करने का पर्याप्त समय मिलेगा।
बोर्ड परीक्षा के नए पैटर्न में बदलाव
नई प्रणाली के तहत परीक्षा के स्वरूप में भी बदलाव किया जाएगा। अब अधिक विश्लेषणात्मक और कॉन्सेप्ट-बेस्ड प्रश्न पूछे जाएंगे, ताकि छात्रों की समझ को बेहतर तरीके से परखा जा सके।
- करीब 50% प्रश्न बहुविकल्पीय (MCQ) और छोटे उत्तर वाले होंगे।
- रटने की प्रवृत्ति को कम करने और गहरी समझ विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।
- इस बदलाव से कोचिंग पर निर्भरता भी कम होने की उम्मीद है।
11वीं-12वीं के छात्रों को मिलेगा विषय चयन का अधिक विकल्प
अब कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र अपने विषयों का चयन अधिक स्वतंत्रता के साथ कर सकेंगे। छात्र अपनी रुचि और करियर के अनुसार अलग-अलग विषयों का संयोजन (combination) चुन सकेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को उनके करियर के अनुसार पढ़ाई करने का अवसर देना है।
छात्रों पर तनाव होगा कम, शिक्षा प्रणाली बनेगी अधिक लचीली
सरकार का मानना है कि यह कदम छात्रों के परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने और शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाने में मदद करेगा।
जल्द ही इस योजना पर छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की राय ली जाएगी। फीडबैक के बाद इसे औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा।
CBSE बोर्ड की इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों के लिए परीक्षा को कम तनावपूर्ण और अधिक प्रभावी बनाना है। अब छात्रों को एक और मौका मिलेगा, जिससे वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं। परीक्षा के नए पैटर्न और विषय चयन की आजादी से छात्रों को अपनी रुचि और क्षमताओं के अनुसार पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। जल्द ही इस योजना को अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा।