यूक्रेन की स्थिति

यूक्रेन की स्थिति को लेकर भारत लगातार चिंतित है। भारत ने महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दो साल से जारी रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में पूर्णतया: निष्प्रभावी क्यों रही? जबकि सुरक्षा परिषद पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने का जिम्मा है। शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि शत्रुता और हिंसा का बढ़ना किसी के हित में नहीं है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2022 में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान कहा था कि युद्ध का युग नहीं है। भारत की ओर से हमेशा कहा गया है कि कोई भी समाधान मानव जीवन की कीमत पर कभी नहीं निकल सकता। 

इसलिए शत्रुता को शीघ्र समाप्त करने और बातचीत एवं कूटनीति के रास्ते पर तत्काल वापसी के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। वास्तव में यूक्रेन संघर्ष के प्रति भारत का दृष्टिकोण जन-केंद्रित रहेगा। जरूरी है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को विकास संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए साझा उद्देश्यों और इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए आवश्यक साझेदारी एवं सहयोग पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए।  

युद्ध मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। भारत ने इस बात पर खेद जताया कि युद्ध के कारण भोजन, ईंधन और उर्वरकों की कीमत बढ़ रही है,व्यापक पैमाने पर दुनिया प्रभावित हो रही है और खासकर ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। मतभेदों एवं विवादों का एकमात्र समाधान वार्ता ही है,भले ही इस समय यह काम कितना भी दुष्कर क्यों न लगे। शांति के मार्ग के लिए हमें कूटनीति के सभी माध्यम खुले रखने होंगे। 

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सुधार को लेकर इसके स्थायी सदस्यों में बीते काफी समय से उत्साह की कमी देखी गई, लेकिन वे सभी इस बात पर सहमत हुए हैं कि सुरक्षा परिषद में बदलाव लाना आवश्यक है। परिषद में स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और अन्य देशों के बीच शक्ति असंतुलन को तत्काल दूर करने की आवश्यकता है ताकि परिषद को अधिक लोकतांत्रिक बनाया जा सके और अंतर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा एवं व्यवस्था को नियंत्रित करने में इसकी वैधता बढ़ाई जा सके। 

वर्तमान गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रस्तावों के व्यापक सेट वाले एक संकल्प का मसौदा तैयार कर सकता है। सुरक्षा परिषद बहुपक्षवाद को प्रभावी बनाने के लिए पुरानी एवं पुरातन संरचनाओं में सुधार और उनके पुनर्निमाण की आवश्यकता है,अन्यथा उनकी विश्वसनीयता हमेशा कम होती रहेगी। इसीलिए इसके विस्तार की जरूरत है।

खबरें और भी हैं

Latest News

Ballia News: बलिया में दुष्कर्म के दो आरोपी गिरफ्तार, एक त्रिकालपुर चट्टी से तो दूसरा रेलवे स्टेशन के बाहर से धराया Ballia News: बलिया में दुष्कर्म के दो आरोपी गिरफ्तार, एक त्रिकालपुर चट्टी से तो दूसरा रेलवे स्टेशन के बाहर से धराया
Ballia News: बलिया जिले में दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार...
बलिया में रिटायर हुए लेखाधिकारी मारकण्डेय लाल को शिक्षक संघ ने दी भावभीनी विदाई
बाघ के साथ सेल्फी ले रहा था शख्स, फिर जो हुआ उसे देख कांप उठेगी रूह – वायरल वीडियो
Bareilly News: दहेज के लिए प्रोफेसर पत्नी को घर से निकाला, पति ने छिपाई उम्र; 25 लाख खर्च के बावजूद मांगे और रुपये
Unnao News: पिकअप और ट्रक की जोरदार टक्कर में 25 वर्षीय खलासी की मौत, पिता की तहरीर पर मामला दर्ज
Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.