शाहजहांपुर: महादेव फर्टिलाइजर का लाइसेंस निलंबित, नोटिस भेजकर मांगा स्पष्टीकरण

कांट: जिला कृषि अधिकारी ने कांट के कुर्रिया रोड स्थित महादेव फर्टिलाइजर का उवर्रक लाइसेंस निलंबित कर दिया है, साथ ही महादेव फर्टिलाइजर के स्वामी विनीत वर्मा को नोटिस देकर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई मल्हपुर निवासी किसान बलराम उर्फ मनक्के की शिकायत पर की गई है।

जिला कृषि अधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में किसान ने बताया कि वह महादेव फर्टिलाइजर पर डीएपी खाद लेने के लिए पहुंचे तो फर्टिलाइजर के स्वामी विनीत वर्मा ने 1500 प्रति बोरी के हिसाब से 10 बोरी के 15000 रुपये जमा करा लिए और मदनापुर स्थित गोदाम पर भेज दिया। जब पीड़ित वहां पहुंचा, तो उसे दूसरे ब्रांड की खाद दे दी, जिस पर 1470 रुपये मूल्य पड़ा था, वह खाद भी 1500 मूल्य के हिसाब से दी। जब किसान ने उस खाद को गेहूं बुवाई के समय खेत में डाला तो खाद की जगह उसमें चूना टाइप का निकला। 

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जब इस बारे में उसने दुकानदार से शिकायत की, तो उसने अनसुना कर दिया और बोला-आप मेरा कुछ नहीं कर पाएंगे, अधिकारी हम पर मेहरबान हैं। पीड़ित ने जिला कृषि अधिकारी को शिकायती पत्र में आगे कहा कि वह दूसरे लोगों के खेत ठेके पर लेकर अपने घर का भरण पोषण करता है।

शिकायती पत्र के प्रारंभिक जांच के बाद जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर ने फर्टिलाइजर के स्वामी विनीत वर्मा को भेजे आदेशित पत्र में कहा गया है कि आपका यह कृत्य उर्वरक कालाबाजारी की श्रेणी में आता है, जो उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 के अंतर्गत दंडनीय है। इसी आधार पर मैसर्स महादेव फर्टिलाइजर का उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र तत्कालिक प्रभाव से निलंबित करते हुए फर्म स्वामी विनीत वर्मा से एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है।

बता दें कि गेहूं बुवाई आते ही डीएपी की किल्लत सामने आ जाती है। सरकारी समितियों में खाद नहीं होने के कारण किसान प्राइवेट दुकानदारों के चक्कर लगाता है, इसका फायदा उठाते हुए प्राइवेट दुकानदार जमकर कालाबाजारी करते हैं और अन्नदाताओं को चूना लगाते हैं। किसानों को एक-एक बोरी डीएपी पाने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। अन्नदाताओं के इस दर्द को 19 नवंबर के अंक में अमृत विचार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

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